अवनि लेखरा: 11 साल उम्र में टूटी रीढ़ की हड्डी, डिप्रेशन से बचने के लिए लिया अभिनव बिंद्रा के 'किताब' का सहारा, अब बन गई 'गोल्डन गर्ल'

Tokyo Paralympics: भारत की अवनि लेखरा (Avani Lekhara) ने सोमवार को यहां टोक्यो पैरालंपिक (Paralympic Gold) खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा

अवनि लेखरा:  11 साल उम्र में टूटी रीढ़ की हड्डी, डिप्रेशन से बचने के लिए लिया अभिनव बिंद्रा के 'किताब' का सहारा, अब बन गई 'गोल्डन गर्ल'

अवनि लेखरा को पैरालिंपिक में दिलाई गोल्ड मेडल

Tokyo Paralympics: भारत की अवनि लेखरा (Avani Lekhara) ने सोमवार को यहां टोक्यो पैरालंपिक (Paralympic Gold) खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा. जयपुर की रहने वाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं. अवनि ने फाइनल में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की और पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा। यूक्रेन की इरियाना शेतनिक (227.5) ने कांस्य पदक जीता. अवनि पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं. यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है. टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला गोल्ड मेडल है. पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली वह तीसरी भारतीय महिला हैं. अवनि ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. अवनि का सफर भी बेहद ही संघर्ष भरा रहा है. 

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कार दुर्घटना में टूटी रीढ़ की हड्डी 
जब अवनि केवल 11 साल की थी तभी एक कार दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी टूट गई. रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण उन्हें हमेशा से व्हीलचेयर पर आना पड़ा. इसके बाद यहां से उनकी जिन्दगी का दूसरा कठिन सफर शुरू हुआ.  व्हीलचेयर पर आने के बाद उनके पिता ने अवनि को हिम्म्त दिया और उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेल पर भी ध्यान देने के लिए कहा. अवनि ने इसके बाद पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया और साथ ही खेल में भी अवसर तलाशने की कोशिश करने लगी. अवनि ने पहले शूटिंग और तीरंदाजी में हाथ आजमाया और दोनों खेलों को खेलने की कोशिश की, लेकिन शूटिंग में अवनि को ज्यादा मजा आने लगा. अवनि ने एक इंटरव्यू में य़ह बताया था कि शूटिंग में उनकी दिलचस्पी अभिनव बिंद्रा के कारण बढ़ी. उन्होंने अपने इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था कि अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफि 'अ शॉट एट हिस्ट्री' पढ़ी, जिसके बाद उनका लगाव शूटिंग में बढ़ने लगा और इसे अपना करियर बनाने के लिए संघर्ष करने लगी. 


नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में 5 बार गोल्ड मेडल
2015 में अवनि ने अपनी ट्रेनिंग शूरू की और राजस्थान स्टेट चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और शानदार परफॉर्मेंस करते हुए गोल्ड मेडल जडीतने  अवनि ने अपने कोच से राइफल उधार ली और इवेंट में अपना 100 फीसदी देने की कोशिश करने लगी. नेशनल चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अवनि ने अपने इरादे पक्के कर लिए थे.  2016 से 2020 के बीच अवनि ने नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में 5 बार गोल्ड मेडल जीतकर धमाल मचा रखा है. कानून की छात्रा अवनि ने संयुक्त अरब अमीरात में विश्व कप 2017 में भारत की तरफ से पदार्पण किया था.

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अभिनव बिंद्रा ने ट्वीट कर दी बधाई
अभिनव बिंद्रा ने अवनि को ट्वीट कर गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई दी है. 'गोल्ड है..भारत को निशानेबाजी में पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक दिलाने के लिए @AvaniLekhara का शानदार प्रदर्शन.. बेहद गर्व. इतिहास में आपके शॉट के लिए बहुत-बहुत बधाई..'

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VIDEO: टोक्यो पैरालंपिक्स : अवनि लखेरा ने रचा इतिहास, शूटिंग में जीता गोल्ड. ​