मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को तीन संघों ने पत्र लिखकर कहा है कि वे कोहिमा, दीमापुर और मोकोकचुंग में निकाय चुनावों की 'अनुमति' तब तक नहीं देंगे, जब तक नागालैंड नगरपालिका अधिनियम 2001 में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट के आरक्षण वाले प्रावधान और भूमि तथा भवनों पर कर लगाने के प्रावधानों को हटाने के लिए संशोधन नहीं किया जाता है. राज्य निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि वह लगभग दो दशक के बाद 16 मई को 39 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के चुनाव कराएगा. इन 39 यूएलबी में से, कोहिमा, दीमापुर और मोकोकचुंग में नगरपालिका परिषद हैं, जबकि शेष नगर परिषद हैं.
एसोसिएशन ऑफ कोहिमा म्यूनिसिपल वार्ड पंचायत (एकेएमडब्ल्यूपी), ऑल वार्ड यूनियन मोकोकचुंग टाउन (एडब्ल्यूयूएमटी) और दीमापुर अर्बन काउंसिल चेयरमैन फेडरेशन (डीयूसीसीएफ) ने रियो को पत्र लिखकर महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के साथ चुनाव कराने और भूमि तथा भवन पर कर लगाने का विरोध किया.
पत्र में कहा गया है, ‘‘नगा समुदाय के लिए, अनुच्छेद 371-ए क्षेत्र और लोगों दोनों से संबंधित है, नगाओं के लिए भूमि और सभी संसाधन लोगों के हैं. नगा महिलाओं के राजनीतिक अधिकारों पर निर्णय लेने संबंधी कानून लोगों के पास रहता है.''
कराधान पर आपत्ति जताते हुए पत्र में कहा गया है कि अगर नगा समुदाय के लोग सरकार को कर देते हैं तो इसका मतलब है कि जमीन सरकार की है, लेकिन नगाओं के लिए जमीन लोगों की है.
गौरतलब है कि 2017 में, सरकार ने मतदान की पूर्व संध्या पर हुई झड़पों में दो व्यक्तियों की मौत होने और कई अन्य के घायल होने के बाद चुनाव कराने के निर्णय पर रोक लगा दी थी.
झड़पों के दौरान कोहिमा नगर परिषद कार्यालय, और राज्य की राजधानी और अन्य जगहों पर सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी गई थी.
हालांकि, पिछले साल मार्च में, नगा समाज के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की थी कि यूएलबी के चुनाव महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करके होने चाहिए.
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