दम घोंट रही हवा! नोएडा में पेट्रोल-डीजल डिलीवरी वाहन होंगे बंद, सिर्फ CNG और इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलेंगी

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आदेश दिया है कि 1 जनवरी 2026 से कोई भी ई-कॉमर्स या ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी पेट्रोल या डीजल के वाहन इस्तेमाल नहीं कर सकेगी. इस फैसले के तहत डिलीवरी बाइक, स्कूटर, ऑटो और छोटे चार पहिया वाहन सभी को CNG या EV में बदलना जरूरी होगा.

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  • नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक जनवरी 2026 से डिलीवरी के लिए सीएनजी या इलेक्ट्रिक वाहन इस्तेमाल होंगे.
  • डिलीवरी बाइक, स्कूटर, ऑटो और छोटे चार पहिया वाहनों को सीएनजी या इलेक्ट्रिक में बदलना अनिवार्य होगा.
  • नोएडा ARTO कार्यालय में अधिकारियों और डिलीवरी कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक में नए आदेशों पर चर्चा हुई.
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नई दिल्‍ली :

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डिलीवरी सेवाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आदेश दिया है कि 1 जनवरी 2026 से कोई भी ई-कॉमर्स या ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी पेट्रोल या डीजल के वाहन इस्तेमाल नहीं कर सकेगी. अब सभी डिलीवरी गाड़ियां सिर्फ CNG या इलेक्ट्रिक होंगी.

इस फैसले के तहत डिलीवरी बाइक, स्कूटर, ऑटो और छोटे चार पहिया वाहन (LCV/LGV) सभी को CNG या EV में बदलना जरूरी होगा. इस फैसले के बाद इसका असर सीधे तौर पर स्विगी, जोमैटो, अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकिट जैसी कंपनियों और उनके डिलीवरी पार्टनर्स पर पड़ेगा.

नोएडा ARTO दफ्तर में बैठक

इसी आदेश को लागू कराने के लिए आज नोएडा ARTO दफ्तर सेक्टर-32 में एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई. बैठक की अध्यक्षता एआरटीओ (प्रशासन)  नंद कुमार ने की, जबकि एआरटीओ विनय कुमार सिंह भी मौजूद रहे. बैठक में ऑनलाइन डिलीवरी से जुड़े प्रतिनिधि भी शामिल हुए.

वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम 

अधिकारियों ने साफ कहा कि 2026 से केवल CNG या इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही डिलीवरी में चलेंगी, इसलिए कंपनियों और डिलीवरी करने वालों को अभी से ही तैयारी शुरू करनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी तरह की दिक्कत न आए.

दरअसल, ये फैसला शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने और प्रदूषण कम करने के लिए उठाया गया है. यानी नोएडा में डिलीवरी सेवाओं की तस्वीर अब बदलने जा रही है, अब जल्द सड़क पर सिर्फ साफ ईंधन वाले वाहन ही सामान पहुंचाते दिखेंगे.

दिल्‍ली-एनसीआर में अब GRAP और सख्‍त 

बता दें कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर के लिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) को और सख्त कर दिया है तथा क्षेत्र में वायु गुणवत्ता बिगड़ने से रोकने के लिए कई प्रदूषण नियंत्रण उपायों को पहले के चरणों में ही लागू कर दिया है.

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21 नवंबर को अंतिम रूप दिये गये संशोधित नियम के अनुसार कई उपायों को उच्च चेतावनी चरणों से निचले चरणों में स्थानांतरित किया गया है, जिसका मतलब है कि अब जैसे-जैसे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बिगड़ेगा, प्रतिबंध पहले की तुलना में जल्दी लागू हो जाएंगे. नई व्यवस्था के तहत, पूर्व में दूसरे चरण (एक्यूआई 201-300) में लागू होने वाले कई प्रतिबंध अब पहले चरण से ही लागू कर दिए जाएंगे. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  के अनुसार, शनिवार को शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 360 दर्ज किया गया. 

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