नोएडा एक्सटेंशन का बारिश से ऐसा हाल, एक-दूसरे का कंधा पकड़ अर्थी जा रही श्मशान

सड़कों पर बारिश के बाद इतना अधिक पानी भर गया है कि वहां शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना भी चुनौती बन गई है. इसी घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित रोजा जलालपुर गांव में बारिश के बाद सड़कों पर पानी इतना जमा हो गया कि शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना मुश्किल हो गया है
  • शमशान घाट तक पहुंचने वाले रास्ते पर पानी की भरमार के कारण शव को कंधे पर एक दूसरे के सहारे रखकर ले जाना पड़ता है
  • ग्रामीणों ने प्राधिकरण से कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन जल निकासी की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं होने के कारण समस्या बनी हुई है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नोएडा:

नोएडा की चमकदार इमारत के बीच उपेक्षित रह गए गांव की क्या दशा है यह नोएडा में हुई बारिश के बाद देखा जा सकता है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित रोजा जलालपुर गांव की यह हालत है कि शमशान घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर इतना पानी जम गया है, कि मृतक को कंधा देने वालों को भी एक दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर आगे बढ़ना पड़ता है ताकि शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

ऐसा इसलिए क्योंकि सड़कों पर बारिश के बाद इतना अधिक पानी भर गया है कि वहां शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना भी चुनौती बन गई है. इसी घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि शव को अंतिम संस्कार के लिए कुछ लोग लेकर जा रहे हैं लेकिन बारिश के कारण सड़कों पर पानी जमा है. ऐसे में इस भरे हुए पानी से होकर ही उन्हें शमशान घाट तक पहुंचना पड़ रहा है. 

लोगों का कहना है कि प्राधिकरण से तमाम शिकायतें की जानें के बाद भी गांव में ये समस्या बनी हुई है. पानी निकासी की कोई व्यवस्था प्राधिकरण ने नहीं की है. आसपास बहुमंजिला इमारतें जिस रोज जलालपुर के जमीन का पर बनी है उस गांव की दशा नहीं बदली है.

Advertisement

नोएडा के सेक्टर 72 में स्थित सर्फाबाद गांव की भी कुछ ऐसी ही दशा है. यहां यदु पब्लिक स्कूल के पास सड़क पर इतना पानी जमा हो गया है कि गाड़ियां तक उसमें डूब गई हैं. लोग सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Global North VS Global South: China का 'Debt Trap' Vs भारत की 'वैक्सीन मैत्री' | Shubhankar Mishra