म्यूजिक इंडस्ट्री में आज कई तरह के प्रचलन शुरू हो गए हैं. एक समय लोग केवल मोहमद रफी के सॉफ्ट सांग या आरडी वर्मन के पार्टी सांग को तवज्जो देते थे, लेकिन आज हर जगह डीजे की धुन पर नाचते हुए लोग नजर आते हैं. ऐसे ही एक शख्स से हम आपको रूबरू करने जा रहे हैं जिहोंने अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद भी उस प्रोफेशनल को छोड़ डीजे बने. जी हां हम बात कर रहे हैं डीजे हिमांशु मिश्रा की. डीजे हिमांशु का नाम आज म्यूजिक इंडस्ट्री में बड़े ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है. कई कॉलेज फेस्टिवल्स, कॉरपोरेट इवेंट्स और क्लबों में परफॉर्म करते-करते हिमांशु अब एक बेहतरीन डीजे कलाकार ही नहीं, बल्कि एक लाजवाब संगीत निर्माता भी बन गए हैं. उनके अब तक कई ऑडियो-वीडियो रिलीज़ हो चुके हैं, जिन्हें लोगों ने खासा पसंद भी किया है. उन्होंने वर्ष 2019 में अपनी संगीत कंपनी ग्रूव नेक्सस की शुरुआत की.
तब से अब तक 20 से ज़्यादा गाने रिलीज़ कर चुके हैं.हिमांशु कहते हैं कि असल में सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं है. एक बेहतरीन डीजे और म्यूज़िक कम्पोज़र बनने के लिए ज़रूरी है कि अपनी प्रतिभा और क्षमताओं को युवावस्था में ही ना सिर्फ पहचान लिया जाए, बल्कि उसपर काम करके उसे निखारा भी जाए. डीजे हिमांशु एक ऐसे बेहतरीन डीजे और म्यूज़िक कम्पोज़र हैं, जो अब अपने अनुभव के आधार पर अपनी बीट्स से लोगों को आसानी से अपनी ओर खींचकर उनका भरपूर मनोरंजन करते हैं. एक तरह से वे संगीत के साथ खेलने में माहिर हैं. जब वो म्यूज़िक प्ले करते हैं, तब वो किसी ख़ास शैली या तकनीक तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि लोगों के मूड और मौजूद वातावर्ण के अनुसार अपने संगीत को ढाल लेते हैं. नई-नई बीट पर काम करना उन्हें पसंद हैं.
उनकी इस प्रतिभा के लिए उन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं. डीजे हिमांशु कहते हैं कि डीजे के क्षेत्र में पहले के मुकाबले काई तरह के बदलाव आये हैं, साथ ही कॉम्पिटिशन भी खूब बढ़ाए है. यही नहीं नई पीढ़ी भी डीजे को करियर बनाने में अब आगे आ रही है, जो एक अच्छा संकेत हैं. उनका कहना है कि अपनी प्रतिभा को सोशल मीडिया पर प्रचार और निरंतरता भी अब बहुत ज़्यादा ज़रूरी हो गई है.हिमांशु आज डीजे नहीं होते तो शायद कहीं किसी कंपनी के साथ बतौर प्रोफेशनल इंजीनियरिंग जॉब में अपनी सेवाएं दे रहे होते.
उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग जो अब दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी हो गया है, उससे इंजीनियरिंग की ग्रेजुएशन की. लेकिन संगीत के प्रति उनका लगाव इस कदर हावी रहा कि मिश्रा ने इंजीनियरिंग को आगे अपने करियर में विराम देते हुए संगीत के क्षेत्र को अपना पहला प्यार बना लिया.