मेरा क्या कसूर! मुंबई में चार महीने की बच्ची को क्यों नहीं मिल रही 'मां', पढ़ें क्या है पूरी कहानी

एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद चार महीने की बच्ची को मुस्लिम महिला ने छोड़ा. पहले मुस्लिम महिला बच्ची को लेना चाहती थी गोद. जानिए क्या है पूरा मामला.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुंबई:

मां मुझे 9 महीने पूरे होना का बेसब्री से इंतजार था. जब मैं आपकी कोख में थी तो सोचता थी कि जब मैं आपकी गोद मे आऊंगी तो मुझे आप कितना दुलार करेंगी, कितना प्यार देंगी. मैं रात-रात भर आपको जगाऊंगी और आप गुस्सा होने की जगह मुझे प्यार करेंगी. लेकिन अब मैं अस्पताल के बेड पर पड़े-पड़े आपके आने का इंतजार कर रही हूं. मुझे कोई गोद में लेने से भी डर रहा है. कोई मुझे अपना नहीं बताता है मां. डॉक्टर कहते हैं कि मैं HIV पॉजिटिव हूं. मां, इसमें मेरा क्या दोष है.... 

दरअसल, ये कहानी उस चार महीने की बच्ची की है जो फिलहाल अनाथ है. उसकी मां कौन है और उसे कौन पालेगा इसका कोई पता नहीं है. अगर ये मासूम कुछ कह पाने की स्थिति में होती तो उसके शब्द कुछ ऐसे ही होते. बहरहाल, इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने एक जीरो एफआईआर भी दर्ज की है. अभी तक की जांच में खुलासा हुआ है कि इस बच्चे को एक हिंदू महिला ने मुस्लिम महिला के आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए केईएम अस्पतला में जन्म दिया था. मुस्लिम महिला उस बच्ची को गोद लेना चाहती थी लेकिन वो लंबी कानूनी गोद लेने की प्रक्रिया से बचना चाहती थी और इसलिए दोनों महिलाओं ने मिलकर ऐसा किया.

नवी मुंबई में एक चार महीने की बच्ची के अब कोई माता-पिता नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि एक हिंदू महिला ने मुस्लिम महिला के आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए केईएम अस्पतला में बच्ची को जन्म दिया था. मुस्लिम महिला उस बच्ची को गोद लेना चाहती थी लेकिन वो लंबी कानूनी गोद लेने की प्रक्रिया से बचना चाहती थी और इसलिए दोनों महिलाओं ने मिलकर ऐसा किया. 

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मुस्लिम महिला चाहती थी एक और बच्चा

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम महिला एक और बच्चा चाहती थी लेकिन दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान उसका अबोर्शन हो गया था. वहीं हिंदु महिला जो प्रेग्नेंट थी, बच्चा नहीं चाहती थी क्योंकि उसने बताया कि उसका पति नशे करता है. इस वजह से दोनों महिलाओं ने मिलकर एक समझौता किया. मुस्लिम महिला ने जब यह आश्वासन दिया कि वह बच्ची को गोद लेगी तो हिंदू महिला ने उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए बच्ची को जन्म दिया. 

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एचआईवी पॉजिटिव है बच्ची

हालांकि, जनवरी में पता चला कि बच्ची एचआईवी पॉजिटिव है और बीमार है और इस वजह से अब मुस्लिम महिला उसे नहीं चाहती है. फिलहाल बच्ची को कलवा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ऐसे में राज्य के महिला और बाल कल्याण विभाग ने दोनों महिलाओं के खिलाफ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत अवैध रूप से बच्चे को छोड़ने या स्वीकार करने और बेचने या खरीदने और भारतीय न्याय संहिता के तहत धोखाधड़ी करने के लिए जीरो एफआईआर दर्ज की है. 

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एक ही मौहल्ले में रहती है बच्ची की मां और मुस्लिम महिला

पुलिस ने बताया कि बच्ची की मां और मुस्लिम महिला कल्याण में एक ही मोहल्ले में रहती हैं. प्रेग्नेंसी के छह महीने बाद महिलाने मुस्लिम महिला को बताया था कि वह बच्चा गोद नहीं लेना चाहती है. इस पर मुस्लिम महिला ने बच्चे को गोद लेने की बात की थी. 

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अक्टूबर 2024 में महिला ने दिया था बच्ची को जन्म

जानकारी के मुताबिक मुस्लिम महिला के पहचान पत्र का इस्तेमाल करते हुए हिंदू महिला ने अक्टूबर 2024 में केईएम अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इसके बाद मुस्लिम लड़की के नाम का जन्म प्रमाण पत्र भी जारी किया गया था, जिसमें मुस्लिम महिला का ही नाम उसकी मां के रूप में लिखा हुआ है. हालांकि, बच्चे के एचआईवी संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर मुस्लिम महिला ने बच्ची को अस्वीाकर कर दिया है. 

मामले की जांच में जुटी पुलिस

इसके बाद 21 फरवरी को स्थानीय सखी केंद्र ने ठाणे जिला बाल संरक्षण हेल्पलाइन को मामले की जानकारी देते हुए एक ईमेल भेजा. बाल संरक्षण समिति के कर्मचारी मुस्लिम महिला का पता नहीं लगा पाए, लेकिन उन्हें जन्म देने वाली महिला का मोबाइल नंबर मिल गया है. इसके अनुसार, 28 फरवरी को ठाणे के मानपाड़ा पुलिस स्टेशन में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई. मामले को आगे की जांच के लिए मुंबई के भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया है. 

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