मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के गर्भगृह के अंदर सेलफोन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस कदम का उद्देश्य पार्टी नेता राहुल गांधी के अगले महीने की शुरूआत में की जाने वाली यात्रा की धार को कुंद करना है.
उज्जैन जिला कलेक्टर आशीष सिंह ही महाकाल मंदिर की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं. आशीष सिंह ने कहा कि हाल ही में समिति द्वारा पुजारियों के परामर्श से लिए गए कई फैसलों में गर्भगृह के अंदर सेलफोन पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. कई भक्तों ने मंदिर के अंदर सोशल मीडियाके लिए वीडियो फिल्माने वालों की शिकायत की है.
हालांकि, पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, "यह नया नियम भाजपा की वास्तविक मानसिकता को दर्शाता है. राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा नेता डरे हुए हैं. इस नये नियम ने यह उजागर कर दिया है, लेकिन इसका न तो राहुल गांधी पर कोई प्रभाव पड़ेगा और न ही कांग्रेस पर.
सत्तारूढ़ भाजपा ने गर्भगृह के अंदर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध के फैसले और राहुल गांधी के मंदिर जाने के बीच किसी तरह के संबंध से इनकार किया. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ''यह फैसला सरकार ने नहीं लिया. मंदिर की समिति ने लिया है. इसका राजनीतिक अर्थ निकालना गलत है."
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पहले रविवार की रात महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन अब इसे बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. राहुल गांधी सोमवार और मंगलवार को विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए गुजरात का दौरा करेंगे.
मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में लगभग एक पखवाड़े की यात्रा के दौरान राहुल गांधी छह जिलों और राज्य के दक्षिण पश्चिम और पश्चिम के 25-30 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेंगे. राहुल गांधी इस महीने खंडवा जिले के ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और बाद में दिसंबर के पहले सप्ताह में उज्जैन के महाकाल मंदिर में पूजा करेंगे.
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