MP के पुलिस थानों में अब बच्चे करेंगे 'मन की बात', बाल मित्र कक्षों की होगी स्थापना

पुलिस का मानना है कई बार पीड़ित पक्ष द्वारा बच्चों के बयान के लिए उन्हें पुलिस थाने लाया जाता है, जहां कई बच्चे डर भी जाते हैं, तो कुछ बच्चे नर्वस होकर बयान दर्ज भी नहीं करा पाते हैं.

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मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश जिले के हर पुलिस थाने में अब बच्चे अपने 'मन की बात' कर सकेंगे, इसके लिए सरकार पुलिस थानों में बाल मित्र कक्षों की स्थापना करने जा रही है. बच्चे अपने 'मन की बात' कर सकें इसलिए जिले के हर थानों में एक कक्ष बनाया जा रहा है, जिसमें बच्चों के लिए उनके मनोरंजन की तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, यहां बच्चों के बैठने की अच्छी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है. 

पुलिस का मानना है कई बार पीड़ित पक्ष द्वारा बच्चों के बयान के लिए उन्हें पुलिस थाने लाया जाता है, जहां कई बच्चे डर भी जाते हैं, तो कुछ बच्चे नर्वस होकर बयान दर्ज भी नहीं करा पाते हैं. बार-बार पुलिस थाने में आने से बच्चों पर एक बुरा प्रभाव भी पड़ता है, सरकार की बहुत अच्छी पहल है. इससे बच्चे खुलकर अपने 'मन की बात' आसानी से कर सकते हैं, अब उन्हें इस कक्ष में पुलिस नहीं बल्कि एक मित्र मिलेगा. 

डीएसपी प्रतिभा शर्मा ने बताया कि जिले के करीब 20 पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क भी संचालित हो रही हैं, जहां महिलाओं के लिए पुलिस के रूप में मित्र मौजूद रहती हैं. महिलाओं की समस्या सुनी जाती है, इसी कक्ष में अब बाल मित्र कक्ष खोले जा रहे हैं, इन कक्ष में सिविल ड्रेस में पुलिस मौजूद रहेगी, जिससे वो उनकी समस्याएं सुनकर उसका समाधान कर सकेंगी.

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