मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने आज विधानसभा की सदस्यता शून्य करने के मामले में अशोक नगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी को अंतरित राहत प्रदान की है.
न्यायमूर्ति रोहित आर्या और न्यायामूर्ति मिलिंद रमेश फडके की युगलपीठ ने आज अशोक नगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी को एकल पीठ द्वारा उनके विरूद्ध विगत सात दिन पूर्व दिए गए आदेश पर स्थगन देते हुए जज्जी को अंतरिम राहत प्रदान की है.
युगलपीठ ने अशोक नगर से विधायक जजपाल सिंह जज्जी को उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर विधानसभा अध्यक्ष को उनकी विधानसभा की सदस्यता शून्य करने तथा उनके विरूद्ध पुलिस अधीक्षक को एफआईआर दर्ज करने का एकल पीठ के आदेश पर स्थगन दे दिया है. इस मामले में जज्जी ने युगल पीठ का दरबाजा खटखटाया. जिस पर युगल पीठ ने एकल पीठ के स्थगन दे दिया है.
याचिकाकर्ता के वकील अवधेश तोमर ने बताया कि अब अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी अपना पक्ष उच्च न्यायालय के समक्ष रख सकेंगे.
उल्लेखनीय है कि 2018 में जज्जी ने कांग्रेस के टिकट पर अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा था. उन्होंने भाजपा के लडडूराम कोरी को पराजित किया था. जज्जी ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ी थी और बाद में उन्होंने फिर चुनाव लड़ा और जीता.
वहीं, 2018 में ही लडडू राम कोरी ने जज्जी के खिलाफ कीर जाति का होने और कीर जाति मध्यप्रदेश में सामान्य होने की बात कहते हुए उच्च न्यायालय में वाद दर्ज कराया था.
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