Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के सिंगरौली जिले में आंधप्रदेश सरकार की कंपनी, आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (APMDC) को यहां सुलियरी कोल ब्लॉक आवंटित है. एपीएमडीसी ने बिना भू-अर्जन प्रक्रिया पूरी किए ही कोल ब्लॉक में डोंगरी गांव से कोयला खनन की प्रक्रिया शुरू की है , जिस वजह से वहां के ग्रामीण आदिवासी बीते कई दिनों से धरने पर बैठे हैं .इसी बीच, बुधवार को ग्रामीणों ने कोल परिवहन कर रहे वाहनों को रोक दिया जिसके बाद उपखंड के प्रशासन अमले व पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर विस्थापित ग्रामीणों को समझाइश दे धरना-प्रदर्शन खत्म करने का दबाब बनाया. यही नहीं, तहसीलदार जितेंद्र वर्मा ने तीखे तेवर में ग्रामीणों को धमकी तक दे डाली. तहसीलदार ने कहा, "कोल परिवहन रोक लेगा तू..कंपनी को जमीन दीये हो, जाओ भाड़ में ,,, आचार संहिता लगी है, ज्यादा करोगे तो जेल में डाल देंगे.
दरअसल, एपीएमडीसी कोल ब्लॉक के विस्थापितों को उचित मुआवजा सहित अन्य मांगों को लेकर ग्रामीण आदिवासी खनन का विरोध कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर वे बीते कई दिनों से धरने पर बैठे हैं. बताया जा रहा है कि कंपनी ने अभी भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी किए बगैर ही खदान से कोयले का खनन किया जा रहा है और उत्पादित कोयले को सड़क मार्ग से परिवहन कर बिजली कंपनियों को भेजा जा रहा है.
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