Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Diwas)का आयोजन हुआ.आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शामिल हुए थे. सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार का दावा है कि प्रदेशभर से इस अवसर पर ढाई लाख आदिवासी जंबूरी मैदान में जुटे थे लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद 15 लोग घर नहीं लौटे हैं. भोपाल के पिपलानी थाने में इस संबंध में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है.
'जो सुविधाएं एयरपोर्ट पर मिलती थी, आज रेलवे स्टेशन.. ': PM ने रानी कमलापति स्टेशन का किया उद्घाटन
दरअसल, राज्य के 52 ज़िलों से बसों में लोगों को जंबूरी मैदान लाया गया था, कार्यक्रम खत्म होने के बाद लोग अपने-अपने जिलों की बसों से घर लौटे लेकिन उनमें से 15 लोग घर नहीं पहुंचे जिसके बाद सोमवार देर शाम गुमशुदगी की रिपोर्ट भोपाल के पिपलानी थाने में दर्ज कराई गई. जो 15 लोग घर नहीं पहुंचे, उनके नाम हैं शांति बाई ( 80 वर्ष), बच्चू सिंह ( 60 साल), मुकुंदा ( 40 वर्ष), वर्दा ( 55 वर्ष), नाना बरेला ( 55 वर्ष), मकना बारिया ( 40 साल), जागलाल भारती ( 55 वर्ष), कमलेश ( 35 साल), सूरज सिंह ( 60 वर्ष), मांगु ( 40 वर्ष), बाजारू सिंह ( 40 वर्ष), कमर सिंह ( 55 साल), गंगादास ( 60 वर्ष), सीताराम (40 साल) और भैरोसिंह ( 40 साल). पुलिस के आला अधिकारियों को कहना है कि फिलहाल किसी के घर लौटने की उन्हें सूचना नहीं मिली है.
मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए कहा कि ये आयोजन ठेकेदारों का था. पुलिस प्रशासन के ठेकेदारों ने ये आयोजन किया था, इसमें जनता को गुमराह किया गया था.