पटवारी पद की 6,755 रिक्तियां : 12,79,000 आवेदकों में लाखों PhD, MBA, इंजीनियर भी शामिल

मध्यप्रदेश में पटवारी के छह हजार पदों के लिए 12 लाख से ज्यादा लोगों ने दिए आवेदन, पीएचडी 1000 , इंजीनियरिंग के 85000, एमबीए के एक लाख और पीजी 1,80,000 उम्मीदवार

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प्रतीकात्मक फोटो.
भोपाल:

मध्यप्रदेश में पटवारी की भर्ती परीक्षा में छह हजार पदों के लिए 12 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है. इनमें इंजीनियरिंग, एमबीए और पीएचडी डिग्रीधारी भी शामिल हैं. चुनावी साल है, सो भर्ती हो रही है, लेकिन पांच साल पहले निकली पटवारी भर्ती में शामिल उम्मीदवारों का कहना है कि पिछली भर्ती में निकाले गए सभी 9235 पदों पर नियुक्ति नहीं दी गई.
       
ऐसे में उम्मीदवार क्या सोचते हैं, यह जानने के लिए हम भोपाल के जवाहर चौक में सिविल सर्विस क्लब में पहुंचे. दो सौ बच्चों का बैच है, कोई यूपीएससी की तैयारी कर रहा है, तो कोई पीएएससी की. कई उम्मीदवार मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की तैयारी सालों से कर रहे हैं. करें भी तो क्या ... कई सालों से पीएएसी तक में प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.
     
प्रवीण इंजीनियरिंग कर चुके हैं, 29 साल के हो गए हैं ...सामने पटवारी की परीक्षा है, तो उसका भी फॉर्म भर दिया है. वे जानते हैं कि एक पद के लिए 200 उम्मीदवारों को भिड़ना होगा. उन्होंने कहा, "चार साल में इकट्ठी वेकैंसी निकालने से अच्छा साल दर साल निकालते. कई लोग ओवर ऐज हो गए हैं. उनके लिए कैसे कर पाएंगे... इसलिए इतने उम्मीदवार हैं लेकिन क्या कर सकते हैं."
     
पटवारी के लिए योग्यता तो ग्रैजुएट है लेकिन प्रवीण जैसे कई पढ़े-लिखे बेरोजगार उम्मीदवार हैं, जो ज्यादा पढ़ लिखकर भी पटवारी बनने की कतार में हैं. 

शिवम ने पर्यावरण विज्ञान में दो साल पहले एमएएसी की है. वे कहते हैं "घर वालों का दबाव है, अब जो भी सरकारी पद आएंगे उसके लिए मैं आवेदन करूंगा. " रितु यादव ने अर्थशास्त्र में एमए किया है. वे कहती हैं, "बेरोजगारी इतनी ज्यादा है कि अब लगता है कहीं भी बस नौकरी लग जाए, सरकारी नौकरी थोड़ी स्थिर है इसलिए वहां ज्यादा लोग आवेदन करते हैं. "

अरविंद कुमार ने फिजिक्स में एमएससी किया है. वे कहते हैं "उम्र होती जा रही है पहले मैं यूजीसी नेट की तैयारी कर रहा था लेकिन पास नहीं हुआ. अब घर वालों का दबाव है नौकरी तो करना ही है."

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मध्यप्रदेश में पांच साल बाद 6755 पटवारी के पदों के लिए वेकैंसी आई है. इसके लिए 12,79,000 आवेदन आ गए हैं. चार लाख से ज्यादा आवेदक वे हैं जो न्यूनतम योग्यता, यानी स्नातक से ज्यादा पढ़े लिखे हैं, पीएचडी पास 1000 , इंजीनियरिंग के 85000, एमबीए के एक लाख,  पीजी के 1,80,000 उम्मीदवारों ने पटवारी के लिए आवेदन किया है.
    
मध्यप्रदेश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, एमपीपीएससी में पिछले तीन साल से भर्ती, कोर्ट-कचहरी में खड़ी है. लक्ष्मी शरण मिश्रा सिविल सर्विस क्लब के संस्थापक हैं. वे कहते हैं "जिन लोगों ने 2012-13 में तैयारी शुरू की उनके लिए आखिरी अच्छी परीक्षा 2017-18 में हुई है. उस वक्त हो सकता है 1000 लोग सिलेक्ट हुए हों, लेकिन कुछ लोग अभी भी लगे हैं... हर साल कॉलेज खत्म होने पर लाखों बच्चे आ रहे हैं. यहां ऑप्शन प्राइवेट नौकरी का है नहीं इसलिए सरकारी नौकरी के लिए सब प्रयासरत हैं."
      
सरकार से हजारों पद पर लाखों उम्मीदवारों के सवाल पूछो तो वह अपने गुणगान करने लगती है. विपक्ष सवाल पूछता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से "हमने 6000 पदों के लिए लाखों आवेदन पर सवाल किया तो उनका कहना था हजारों पदों पर भर्ती जारी है, अलग-अलग पद निकाले जा रहे हैं शिक्षकों के, पटवारी के, पुलिस के ... एक तरफ सरकारी नौकरी में भर्ती से रोजगार, दूसरी तरफ स्वरोगजार, तीसरे निवेश लाकर रोजगार उपलब्ध कराने के काम चल रहे हैं." 

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वहीं कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष अब्बास हफीज़ ने कहा "एक पटवारी की परीक्षा है, कुछ हजार वेकैंसी हैं लेकिन लाखों उम्मीदवार आए हैं, वो भी ज्यादा पढ़े लिखे. उनके पास रोजगार नहीं है. इससे पहले ग्वालियर में देखा था अदालत में चपरासी की वेकैंसी में पीएचडी किए लोग आए थे, ये दिखाता है शिवराज सरकार रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम रही है."
      
साल 2022 में मध्यप्रदेश की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक 5.51 लाख बेरोजगार बढ़ गए, 2020 तक रोजगार कार्यालय में 24.72 लाख पंजीकृत बेरोजगार थे, 2021 तक यह तादाद 30.23 लाख हो गई थी.

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