मध्यप्रदेश में किसान खाद की भयानक किल्लत से जूझ रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री-कृषिमंत्री सहित 12 मंत्री और 40 विधायक 3 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट पर उपचुनावों की तैयारी में जूझ रहे हैं. देश के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के संसदीय इलाके में कुछ दिनों पहले खाद के लिये लूट तक मच गई. अशोकनगर के मुंगावली ब्लॉक मुख्यालय में किसान रात-रात भर लाइन में लगे हैं ताकी टोकन लेकर सुबह खाद खरीद सकें. अशोक नगर में ही किसानों और सहायक कृषि विस्तार अधिकारी के बीच हाथापाई तक हो गई. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने किसी तरह मामले को शांत कराया. सैकड़ों की संख्या में खाद लेने पहुंचे किसान तहसीलदार की गाड़ी के सामने बैठकर विरोध जताने लगे.
सागर और गुना में नाराज़ किसानों को संभालने के लिये पुलिस को लगाना पड़ा, अधिकारियों को घेरा गया उनके साथ धक्का-मुक्की हुई. विपक्ष का आरोप है आपूर्ति उपचुनाव वाले इलाकों में हो रही है, ये आरोप लगाते हुए बंडा से कांग्रेस विधायक तरवर सिंह लोधी रो पड़े. उन्होंने कहा, 'मेरी विधानसभा के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं, इन बेईमानों ने हमारा खाद टीकमगढ़ भेज दिया है इससे हमारे क्षेत्र के किसान परेशान हो रहे हैं.' विधायक के भावुक होने पर किसानों ने हौसला बढ़ाया और उनके समर्थन में नारेबाजी की.
मंगलवार दोपहर परेशान किसानों ने नेशनल हाइवे 85 पर जाम लगा दिया. ज़िले के आला अधिकारी वहां पहुंचे लेकिन किसान नहीं माने. दो से ढाई घंटे सड़क पर वाहनों की कतार लगी रही.
MP: बेबस 'अन्नदाता', खाद की किल्लत के कारण सता रहा फसल बर्बाद होने का डर
वहीं केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने माना कि डीएपी की कमी है, हम डीएपी इम्पोर्ट करते हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव बढ़े हैं. पिछले सीजन में भाव बढ़े थे, तो केन्द्र सरकार ने एक बैग पर 1200 रुपए सब्सिडी देने का निर्णय लिया था. अब फिर भाव बढ़े हैं, तो 1650 रुपए प्रति बैग डीएपी पर सब्सिडी देने का निर्णय किया गया है. कोशिश की जा रही है कि डीएपी की आपूर्ति ठीक से की जाए.
मध्यप्रदेश में खाद की कमी से जूझ रहे किसान, फसलें चौपट होने का डर