मध्यप्रदेश में कोरोना काल में हर नागरिक की कमाई 405 रुपये प्रति माह घटी

मध्यप्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने पिछले साल के मुकाबले इस साल सकल घरेलू उत्पाद में कमी आने का अंदेशा जताया

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
भोपाल:

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) आर्थिक-सामाजिक, हर सूचकांक में पिछड़ रहा है, ऐसा खुद राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण (Economic survey) में सामने आया है. आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने पिछले साल के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद में कमी का अंदेशा जताया. वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 में इसमें 3.37 फीसदी की कमी आई है. सात साल में राज्य में पहली बार सभी की आमदनी घटी है, विकास दर भी 3.37 गिरी है. कोरोना काल में हर नागरिक की कमाई में 405 रुपये महीने की कमी आई है.
     
सर्वेक्षण में माना गया है कि कि राज्यों को केंद्रीय करों में दी जाने वाली हिस्सेदारी को कम किया गया है, जिस वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 3.37 प्रतिशत की कमी आई है, वहीं प्रति व्यक्ति शुद्ध आय में भी 6.12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. 

राजस्व प्राप्तियां भी पिछले वर्ष की तुलना में 8. 05 प्रतिशत कम हैं. वर्ष 2019-20 में राज्य का प्राथमिक घाटा 18,942 करोड़ रुपये था, जो अगले वर्ष 2020-21 में बढ़कर 30,899 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. राज्य के खनन राजस्व में 15.85 प्रतिशत कमी दर्ज की गई.

सामाजिक प्रतिमानों में भी गिरावट
राज्य में साक्षरता दर 69.3 प्रतिश है जो राष्ट्रीय औसत 73 प्रतिशत से कम है. वहीं प्रदेश में प्रति हजार शिशु मृत्यु दर 48 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर 32 है. मातृत्व मृत्यु दर 173, राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 130 है. प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नष्ट होने पर किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सहायता देने के लिए 2020-21 में 799.00 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. जिसमें से 620.83 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं. 179.17 करोड़ रुपये बांटे नहीं जा सके.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Saif Ali Khan Attacked: 80 घंटों में हमलावर ने बदले कई रूप, जानिए Mumbai Police ने कैसे दबोचा?
Topics mentioned in this article