मध्य प्रदेश: गैस राहत अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट न होने से सोनोग्राफी की कई मशीनें बंद

गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाली संस्था भोपाल ग्रुप फॉर इन्फोर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा कहती हैं,  "ये कैसा कायाकल्प अभियान, सिर्फ मशीनें खरीदने से कुछ नही होगा. मशीन को चलाने के लिए ऑपरेटर की जरुरत होती है."

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भोपाल: मध्य प्रदेश में गैस त्रासदी के पीड़ित आज भी इंसाफ के साथ-साथ इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार के संपूर्ण कार्यकल्प अभियान के अंतर्गत फरवरी 2023 से 6 गैस राहत अस्पतालों में ANC (anti natal care) USG सोनोग्राफी मशीनें खरीदी जा चुकी हैं, लेकिन आजतक उससे एक भी महिला की सोनोग्राफी नहीं हो पाई है. प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक हमीदिया अस्पताल के सोनोग्राफी विभाग से ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही है. इन अस्पतालों में किसी में भी रेडियोलॉजिस्ट की पोस्टिंग नहीं हुई है.

गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाली संस्था भोपाल ग्रुप फॉर इन्फोर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा कहती हैं,  "ये कैसा कायाकल्प अभियान जिसे ये ही नहीं पता कि सिर्फ मशीनें खरीदने से कुछ नही होगा. मशीन को चलाने के लिए ऑपरेटर की जरुरत होती है." भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की शहजादी बी ने कहा, "हर गैस राहत अस्पताल में पीड़ितों को सोनोग्राफी के लिए कहा जाता है. लेकिन किसी अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं होती है. इस कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है."

गैस राहत अस्पतालों में 3000 से ज्यादा की ओपीडी में रोज़ाना 100 से ज्यादा मरीजों को सोनोग्राफी की ज़रूरत होती है. इस बारे में जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी से बात की तो उन्होंने कहा कि रेडियोलॉजिस्ट समेत कुछ पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. जल्दी ही इसे पूरा कर लिया जाएगा.

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