छत्‍तीसगढ़ : आरक्षण संशोधन बिल पर राज्यपाल के रुख के खिलाफ कांग्रेस की जन अधिकार रैली, CM भी हुए शामिल

कांग्रेस नेताओं की तरफ से प्रदेश में रुकी हुई भर्तियों, एडमिशन का हवाला देकर इसे जन सरोकार का बड़ा मुद्दा बताया गया. राज्यपाल ने सब कुछ सुनने के बाद साफ तौर पर कह दिया कि वो ये चाहती हैं कि प्रदेश में आरक्षण व्यवस्था बहाल हो, मगर हर पहलू पर विचार के बाद ही फैसला लेंगी.

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रैली के बाद कांग्रेस के मंत्रियों, सीनियर विधायकों समेत 50 लोगों का प्रतिनिधि मंडल राजभवन पहुंचा
रायपुर:

आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने के विरोध में आज कांग्रेस ने जन अधिकार रैली का आयोजन किया जिसमें पूरे छत्‍तीसगढ़ से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. साइंस कॉलेज में आयोजित रैली में राज्‍य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत पूरा मंत्रिमंडल, सभी विधायक, और पदाधिकारी शामिल हुए. मंच से मुख्यमंत्री समेत सभी कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल अनुसुइया उइके पर भाजपा के इशारों पर आरक्षण संसोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने के आरोप लगाया. रैली के बाद  कांग्रेस के 12 मंत्रियों, 5 सीनियर विधायकों और वरिष्ठ नेताओं समेत 50 लोगों का प्रतिनिधि मंडल राजभवन पहुंचा. राज्यपाल से करीब 1 घंटे तक सरकार को तरफ से बात रखी गई. आरक्षण संसोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने की आग्रह किया गया.

कांग्रेस नेताओं की तरफ से प्रदेश में रुकी हुई भर्तियों, एडमिशन का हवाला देकर इसे जन सरोकार का बड़ा मुद्दा बताया गया. राज्यपाल ने सब कुछ सुनने के बाद साफ तौर पर कह दिया कि वो ये चाहती हैं कि प्रदेश में आरक्षण व्यवस्था बहाल हो, मगर हर पहलू पर विचार के बाद ही फैसला लेंगी.

कांग्रेस के ज्ञापन के क्या..
छत्‍तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने सर्व समाज के हित में निर्णल लेते हुए प्रदेशवासियों को 76 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाये जाने का निर्णय लेकर विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक के माध्यम से प्रदेश के अनुसूचित जनजातियों को उनके आबदी के अनुपात में 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के गरीबों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का विधेयक पारित कर, उसे कानूनी रूप दिये जाने हेतु पारित विधेयक आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जो आज लगभग एक माह से लंबित है.

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आदरणीया, वर्तमान में आरक्षण विधेयक लंबित होने से प्रदेश में नवीन भर्तियों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश भी प्रभावित हो रहा है, जिससे सर्व-समाज के हमारे शिक्षित नौवजवान, युवा साथियों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल इस ज्ञापन के माध्यम से आपसे आग्रह करती है कि, प्रदेश के सर्व-समाज की 93.5 प्रतिशत आबादी के हित को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में सर्व सम्मति से पारित आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर वैधानिक स्वरूप प्रदान करने की महान कृपा करेंगी.

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