"अरे यहां रह जाओ ना": प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान की इमोशनल अपील

17th Pravasi Bharatiya Divas: प्रवासी भारतीय दिवस के समापन पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "तीन दिनों तक आपका साथ हमारा था. इंदौर आपके साथ एक हो गया. सच में, इंदौर एक बेटी की शादी की तैयारी के रूप में सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था. लेकिन बेटी की विदाई दिल को भी पीड़ा देती है.

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शिवराज सिंह चौहान ने गिनाईं अपनी सरकार की उपलब्धियां.

इंदौर:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) मंगलवार को इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस (17th Pravasi Bharatiya Divas) के समापन पर भावुक हो गए. कार्यक्रम की तुलना एक बेटी की शादी से करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं भावनात्मक रूप से अभिभूत हूं. मेरे दिल में बहुत खुशी है, लेकिन किसी कोने में दुख भी है.' शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "तीन दिनों तक आपका साथ हमारा था. इंदौर आपके साथ एक हो गया. सच में, इंदौर एक बेटी की शादी की तैयारी के रूप में सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था. लेकिन बेटी की विदाई दिल को भी पीड़ा देती है. तीन दिन का उत्सव इतनी जल्दी बीत गया. अब यह सोचकर दिल भारी हो रहा है कि आप सब चले जाओगे...अरे यहां रह जाओ ना."

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'मैं एक बात और बता दूं. मध्य प्रदेश की ग्रोथ रेट करेंट प्राइसेज पर 19.76 है. देश में सबसे ज्यादा. भारत की जीएसडीपी में हमारा योगदान पहले 3.6% हुआ करता था. अब 4.6% है. आज मध्य प्रदेश हिन्दुस्तान का फूड बास्केट है. गेहूं के उत्पादन में हमने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है. मध्य प्रदेश नंबर एक पर पहुंच गया है. एक नहीं अनेकों उपलब्धियां हैं. मैं विस्तार में नहीं जाऊंगा, लेकिन मध्य प्रदेश अद्भुत राज्य है. खेती के मामले में हमारा बासमती राइज, शरबती गेहूं मध्य प्रदेश की अलग पहचान है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में, गुड गवर्नेंस में, मध्य प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है.'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन किया था. इस बार इसकी थीम थी- 'प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार'. लगभग 70 विभिन्न देशों के 3500 से अधिक सदस्यों ने सम्मेलन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. पीएम मोदी अपने संबोधन में उल्लेख किया था कि 2023 को बाजरा का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया गया है. पीएम ने सभी प्रवासी भारतीयों से बाजरा के कुछ उत्पादों को घर वापस ले जाने की अपील की. 

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बता दें कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2003 में प्रवासी भारतीयों, सरकार और भारत के लोगों के लिए जुड़ाव और नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू हुआ था. तब से ये हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है.

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