मध्य प्रदेश के सतना में एक महिला की मौत के बाद परिजनों ने एमपी बिरला हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हंगामा खड़ा कर दिया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में एक गर्भवती महिला को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. डॉक्टर परिजनों से दवाई और पैसे मंगवाते रहे, लेकिन किसी को भी मरीज से मिलने नहीं दिया गया. परिजनों का आरोप है कि वे डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते रहे तब भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. परिजनों ने जब महिला को रैफर करने की बात की तो उन्हें मरीज की मौत होने की खबर दी गई.
हंगामे के बाद अस्पताल में पुलिस पहुंची और मामले की जांच के लिए मृतका के शव का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. फिलहाल महिला की मृत्यु के समय को लेकर डॉक्टरों की राय का इंतजार है.
मौत के बाद भी 40 हजार ऐंठने का आरोप
बताया जाता है कि पतेरी सतना में रहने वाले संतोष गुप्ता की पत्नी रागिनी गुप्ता पांच माह की गर्भवती थी. उनके पेट में जुड़वां बच्चे पल रहे थे. महिला का इलाज नागपुर के डॉक्टर्स की निगरानी में चल रहा था. अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद महिला को सतना के निजी अस्पताल में ले जाया गया. परिजनों का आरोप है कि मौत के बाद भी बिरला अस्पताल ने इलाज के नाम पर 40 हजार रुपये ऐंठ लिए और बाद में मृत घोषित कर पल्ला झाड़ लिया.
अस्पताल ने आरोपों को बताया निराधार
वहीं इस मामले में एमपी बिरला हॉस्पिटल के पीआरओ हरिशंकर मिश्रा ने बताया कि परिजन निराधार आरोप लगा रहे हैं. महिला का इलाज डॉ. महेन्द्र सिंह के यहां चल रहा था. क्रिटिकल कंडीशन के बाद महिला को बिरला अस्पताल लाया गया. महिला को वेंटीलेटर की जरुरत थी. परिजनों को उसकी स्थिति से अवगत कराने और प्रॉपर प्रक्रिया के बाद इलाज शुरू किया गया था. चूंकि मरीज की जान बचाने के लिए महिला का पति गिड़गिड़ा रहा था, लिहाजा इलाज शुरू किया गया. उन्होंने बताया कि महिला आठ बजे भर्ती हुई थी और रात दस बजे उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि दोपहर दो बजे भर्ती किए जाने की बात बिलकुल झूठी है.
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