मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला 2.0, पटवारी परीक्षा में एक ही सेंटर से टॉप 10 में 7 उम्मीदवार

मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने बीते मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा कराई थी. इसके नतीजे आये हैं. नतीजों को लेकर बड़ा विवाद हो गया है.

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प्रतीकात्मक फोटो.
भोपाल:

मध्य प्रदेश में अपनी भर्तियों के लिए पहले भी बदनाम रहे व्यावसायिक परीक्षा मंडल (VYAPAM) का नाम भले ही बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेश बोर्ड यानी (PEB) किया गया हो, लेकिन घोटाले के मामले सामने आते रहते हैं. मध्य प्रदेश में एक और भर्ती घोटाले का दावा किया जा रहा है. ताजा मामला पटवारी भर्ती से जुड़ा है. ग्वालियर के कथित बीजेपी नेता के एक कॉलेज में परीक्षा देने वाले अशिकांश आवेदकों का मेरिट सूची में नाम आने से हड़कंप मच गया है. इससे मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB)की प्रतिष्ठा फिर से धूमिल हो रही है.

पटवारी भर्ती में सत्तारूढ़ दल बीजेपी के एक विधायक के परीक्षा केंद्र से न सिर्फ 114 अभ्यार्थियों का चयन हो गया है, बल्कि टॉप टेन में 7 परीक्षार्थी इसी केंद्र से आये हैं. सभी ‘टॉपर्स' के स्कोर करीब-करीब एक जैसे होने से गड़बड़ियों की आशंका गहरा गई है.

विवाद में आये बीजेपी के विधायक का नाम संजीव सिंह कुशवाहा है. वे भिंड शहर से विधानसभा में बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं. साथ ही ग्वालियर में एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट का संचालन करते हैं. मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने बीते मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा कराई थी. इसके नतीजे आये हैं. नतीजों को लेकर बड़ा विवाद हो गया है. 

विधायक के सेंटर से 7 अभ्यर्थियों ने टॉप 10 में जगह बनाई है. इन 7 टॉपर ने कुल 200 अंकों वाली पटवारी परीक्षा में 174.88 से लेकर 183.86 तक अंक हासिल किए हैं. अकेले विधायक के सेंटर से 114 परीक्षार्थियों का चयन हुआ है. टॉप में आये सातों उम्मीदवारों के रोल नंबरों की सीरिज भी एक जैसे अंक ‘2488' से शुरू होती है. जबकि सिग्नेचर कॉलम में पांच अभ्यर्थियों ने अपना नाम भर ‘लिखा' है. 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित ग्रुप दो, सब ग्रुप चार की चयन परीक्षा की मेरिट लिस्ट जारी किए जाने के बाद इसे ‘व्यापम-2 घोटाला' करार दिया है. अरुण यादव ने ट्वीट कर परीक्षा, बीजेपी विधायक और शिवराज सरकार को आड़े हाथों लेकर कठघरे में खड़ा किया है.

विपक्षी दल कांग्रेस, युवाओं का सक्रिय ग्रुप सोशल मीडिया में भर्ती घोटाला उजागर करने के लिए अभियान छेड़ चुका है, लेकिन अभी तक कर्मचारी चयन मंडल और मध्य प्रदेश सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है. कांग्रेस ने तो परीक्षा रद्द करके ऑफलाइन परीक्षा कराने की मांग रखी है.
 

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