पुणे जमीन घोटाला के FIR में अजित पवार के बेटे पार्थ का नाम क्यों नहीं? सीएम फडणवीस ने दी सफाई

सीएम फडणवीस ने कहा कि हम किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. मैंने पहले भी कहा है कि अगर इस अपराध की जांच के दौरान किसी की संलिप्तता पाई जाती है, तो हमें कार्रवाई करनी होगी.

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  • सीएम फडणवीस ने पार्थ पवार का नाम पुणे जमीन घोटाला के एफआईआर में नहीं होने को लेकर स्पष्टीकरण दिया
  • उन्होंने कहा कि FIR में केवल उन्हीं के खिलाफ मामला दर्ज होता है जिनके हस्ताक्षर संबंधित दस्तावेजों पर होते हैं
  • सीएम ने कहा कि जांच में किसी की संलिप्तता होने पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी और किसी को बचाया नहीं जाएगा
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मुंबई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर से उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़े विवादास्पद लैंड डील पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पार्थ पवार का नाम एफआईआर में नहीं डाले जाने को लेकर स्पष्टीकरण दिया कि मैंने इसका कारण स्पष्ट रूप से बताया है. यह एक एफआईआर है. एफआईआर का मतलब फर्स्ट इनफॉरमेशन रिपोर्ट होता है. केवल जिनके हस्ताक्षर इसमें हैं. उनके खिलाफ ही मामला दर्ज किया जाता है.

सीएम फडणवीस राज्य के गृहमंत्री भी हैं. उन्होंने सवाल पूछे जाने पर कहा कि कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने यह सारा लेन-देन किया. इसके साथ ही, सरकार में उन लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने इस संबंध में मदद की.

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. किसी को बचाने का कोई कारण नहीं है. जो हुआ वह नियमों के तहत हुआ है. मैंने पहले भी कहा है कि अगर इस अपराध की जांच के दौरान किसी की संलिप्तता पाई जाती है, तो हमें कार्रवाई करनी होगी. यह कार्रवाई नियमों के तहत की गई है.

इससे पहले शरद पवार से जब पूछा गया कि पार्थ पवार का नाम एफआईआर में क्यों नहीं डाला गया है? तब शरद पवार ने कहा था कि इसका जवाब तो प्रदेश के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ही दे सकते हैं.

जमीन घोटाले की जांच कराएं फडणवीस- शरद पवार

शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि मामला गंभीर है. इसलिए उन्हें जांच करवानी चाहिए और तथ्यों को समाज के सामने रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशासन, राजनीति और परिवार अलग-अलग हैं. एक परिवार के रूप में, हम (पवार) एक हैं, लेकिन हम वैचारिक रूप से विभाजित हैं. मेरे एक पोते ने अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था, और अजित पवार की पत्नी ने मेरी बेटी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

ये विवाद पुणे के मुंधवा क्षेत्र में 40 एकड़ सरकारी भूमि की कथित अवैध बिक्री से संबंधित है, जिसकी कीमत कथित तौर पर लगभग 1,800 करोड़ रुपये है. विपक्षी नेताओं का दावा है कि इसे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी ने केवल 300 करोड़ रुपये में खरीदा था और इसके लिए स्टांप शुल्क नहीं दिया गया था.

कंपनी के एक साझेदार और एक सरकारी अधिकारी समेत तीन लोगों के खिलाफ सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन अजित पवार ने इस लेन-देन से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले इस मामले के बारे में पता चला था और उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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