औरंगजेब की क्रब को लेकर हुए विवाद ने नागपुर के लोगों का दिल दहला कर रख दिया. ऐसा इसलिए क्योंकि विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया और ऐसी तबाही मचा दी, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. इसके बाद नागपुर के कई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है. पुलिस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने में जुटी है और साथ ही प्रभावित इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए लगातार तैनात है. इसी बीच सामने आ रही ताजा अपडेट के मुताबिक मामले में 5 नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक नागपुर हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों ने नाबालिगों का भी इस्तेमाल किया था. इस वजह से नागपुर पुलिस ने 5 नाबालिगों को हिरासत में लिया है और उनके खिलाफ जेजे एक्ट के तहत आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि नाबालिगों से हिंसा करवाने की प्लानिंग किसने की और किस तरह से नाबालिगों को हिसंक भीड़ का हिस्सा बनाया गया. जांच के दौरान ऐसे कई महत्वपूर्ण जानकारी नागपुर पुलिस को मिल रही है.
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आखिर कैसे भड़की हिंसा
यह सब तब शुरू हुआ जब एक दक्षिणपंथी संगठन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैल गई, जिसने आग में घी डालने का काम किया. देखते ही देखते मध्य नागपुर के इलाकों में भीड़ सड़कों पर उतर आई. कुछ लोगों ने पेट्रोल की बोतलें, लाठियां और पत्थरों के साथ हमला शुरू कर दिया. हिंसा के बारे में बताते हुए एक स्थानीय निवासी ने कहा, “उपद्रवियों ने दरवाजे पर लातें मारीं, गाड़ियां तोड़ीं और खिड़कियों पर पत्थर फेंके. हम डर के मारे घर में छिपे रहे."
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50 से ज्यादा हिरासत में
नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंघल ने बताया कि हिंसा के बाद पुलिस ने तुरंत कदम उठाया. अब तक करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है और पांच अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. सिंघल ने कहा, “हम हर उस शख्स पर कार्रवाई कर रहे हैं जो इस हिंसा में शामिल था. घटना के सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई जारी रहेगी.” पुलिस फ्लैग मार्च और रूट मार्च कर रही है ताकि शांति बहाल हो सके.
योगेश कदम ने कही ये बात
महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य योगेश कदम ने कहा, "नागपुर में जो घटना हुई है यह गंभीर है और इसके मद्देनजर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी. जिन लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर हमला कियाहै उन्हें सहन नहीं किया जाएगा और इसके ऊपर योग्य कार्रवाई की जाएगी. देखिए जो भी बांग्लादेशी लोगों पर कार्रवाई हो रही है महाराष्ट्र में पिछले तीन चार साल से वह भी और भी उग्र मोड़ पर जा रही है. कंस्ट्रक्शन साइट पर सिर्फ बांग्लादेशी नहीं महाराष्ट्र के बाहर से भी ऐसा लेबर आते हैं जो कंस्ट्रक्शन साइट पर रहते हैं और डेवलपर हैं, ठेकेदार हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि उनकी साइट पर जो भी लेबर है उसका रिकॉर्ड पुलिस स्टेशन में दिया जाए".
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उन्होंने कहा, "एक मजदूर एक साइट पर 1 साल तक नहीं रहता है. वह अगले साइट पर चला जाता है और वह उसकी मूवमेंट होती रहती है. इस मामले में ठेकेदार या डेवलपर को पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए. आधार कार्ड के साथ पुलिस को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए."