मुंबई पुलिस ने अदालत में अर्जी देकर राणा दंपति, सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा (Navneet Rana and Ravi Rana)के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की मांग की है. विशेष सरकारी वकील ने अर्जी में लिखा है कि राणा दंपत्ति ने अपने बयानों से जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए जमानत आदेश के अनुसार उनकी जमानत रद्द कर दी गई है. उनके खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया जाना चाहिए. हनुमान चालीसा के पाठ से जुड़े एक मामले में राणा दंपति राजद्रोह के आरोप का सामना कर रहे हैं. राणा दंपत्ति के खिलाफ गैर जमानती वांरट जारी करने की सरकारी पक्ष की मांग पर सुनवाई शुरू हो गई है. सुनवाई के दौरान विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरत ने कहा, 'राणा दंपत्ति को जमानत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्ते लगाई थीं जिसका पालन करना था जरूरी था. उसमें तीसरी शर्त यह थी कि आरोपी मामले से जुड़े किसी भी मुद्दे पर मीडिया में कोई टिप्पणी न करें. कोर्ट ने आदेश में कहा था कि शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी. मतलब उन्होंने शर्तो का उलंघन किया इसलिए जमानत अपने आप रद्द हो गई. इसलिए मेरी मांग है कि राणा दंपत्ति को कोर्ट में पेश करने का आदेश दें और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करें.' विशेष सरकारी वकील ने दोनो के मीडिया को दिए बयान को विस्तार से रखा.राणा दंपत्ति को अदालत ने नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों नहीं, आप दोनो के खिलाफ गैर जमानती वांरट जारी किया जाए? क्योंकि पुलिस का कहना है कि आपने जमानत की शर्तो का उलंघन किया है.
गौरतलब है कि राणा दंपति को 23 अप्रैल को खार पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124 (ए) (राजद्रोह) और 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया था.दंपति ने घोषणा की थी कि वे यहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. उनकी घोषणा के बाद ठाकरे की पार्टी शिवसेना के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए, जिससे तनाव पैदा हो गया था.बाद में राणा दंपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले दिन शहर के दौरे का हवाला देते हुए अपनी योजना से पीछे हटने की घोषणा की थी. हालांकि, पुलिस ने राणा दंपति पर राजद्रोह और ‘विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने' सहित अन्य आरोपों के लिए मामला दर्ज किया है.
बाद में सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत ने बुधवार को राणा दंपति को विभिन्न शर्तों के साथ जमानत दे दी थी. इन शर्तों में समान अपराध में शामिल नहीं होना और मीडिया से इस मसले पर बात नहीं करना शामिल था. सोमवार को उप नगरीय खार पुलिस ने सरकारी वकील प्रदीप घरात के माध्यम से एक आवेदन दाखिल किया था जिसमें मीडिया से बात न करने की शर्त का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए राणा दंपति की जमानत रद्द करने की मांग की गई थी. (भाषा से भी इनपुट)
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