महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रदेश सचिव इरफान शेख ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे के मस्जिदों से तेज आवाज वाले लाउडस्पीकरों को हटाने की वकालत पर कायम रहने के कारण पार्टी छोड़ दी है. ठाकरे को लिखे एक पत्र में शेख ने कहा कि वह ‘‘भारी मन'' से पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं. इस पत्र को शेख ने फेसबुक पोस्ट के साथ साझा किया है. शेख ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘जिस पार्टी के लिये काम किया हो और उसे सब कुछ माना, अगर वही पार्टी उस समुदाय के खिलाफ घृणास्पद रूख अपनाती हैं जिससे वह आते हैं, तो ऐसे में अब ‘जय महाराष्ट्र' (अलविदा) कहने का समय आ गया है.''
उन्होंने कहा कि जब इसका गठन हुआ था, तब मनसे का विचार जातिविहीन राजनीति करने का था. शेख ने कहा, ‘‘राजसाहेब ठाकरे आशा की किरण थे. लेकिन गुड़ी पड़वा रैली के दौरान हमें कुछ अलग देखने और सुनने को मिला.'' शेख ने पूछा कि मनसे को उन ताकतों का अनुसरण करने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई जो ‘‘नफरत की राजनीति करती हैं.''
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पत्र में, शेख ने कहा कि ठाकरे को अज़ान और मस्जिदों के बारे में 16 साल बाद संदेह हुआ . शेख ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि जब ठाकरे उनके साथ थे तो उन्होंने इस मुद्दे पर कभी बात क्यों नहीं की. उन्होंने कहा, ‘‘साहेब, हो सकता है कि आप अपनी ओर से गलत न हों. लेकिन हम महसूस कर रहे हैं कि कुछ गंभीर होने वाला है. कृपया मेरे द्वारा दिया गया इस्तीफा स्वीकार करें.'' ठाकरे ने दो अप्रैल को मस्जिदों से तेज आवाज वाले लाउडस्पीकरों को हटाने की जोरदार वकालत की थी.