- अमरावती के फिनले मिल के मजदूर सात दिन से चिमनी पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे हैं
- मजदूर पिछले लगभग ढाई साल से वेतन नहीं मिलने से आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं
- प्रदर्शनकारी मजदूरों ने आज से अपनी मांग पूरी होने तक भूख हड़ताल शुरू कर दी है
"अरे ओ सांभा, कितना इंतज़ार करवाएंगे ये मिल वाले? अब तो दिन हो गए, और तनख्वाह का नामोनिशान नहीं!"—ऐसा कुछ जज़्बा लिए अमरावती के अचलपुर में फिनले मिल के मजदूरों ने शोले स्टाइल में बगावत का बिगुल फूंक रखा है. सात दिन से ये मेहनतकश मजदूर अपनी हक की लड़ाई को चिमनी की ऊंचाइयों तक ले गए हैं, और अब भूख हड़ताल कर अपनी आवाज़ को और बुलंद कर दिया है. असल में ये कोई साधारण विरोध नहीं, मजदूर जिस तरह अपना प्रदर्शन कर रहे हैं, उससे हर किसी का ध्यान उन पर जा रहा है. वरना ऐसे प्रदर्शन यूं ही दब के रह जाते हैं.
जय-वीरू स्टाइल में प्रदर्शन
अचलपुर की फिनले मिल में पिछले 7 दिनों से मजदूर, जय और वीरू की तरह, चिमनी पर चढ़कर अपनी हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. ये नज़ारा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं, मिल की ऊंची चिमनी, मजदूरों का आसमान छूता हौसला, और नीचे सैकड़ों मजदूरों की भीड़, जो अपने साथियों की हौसला अफजाई में लगे हैं. अब तक 7 दिन बीत गए, मगर मिल प्रबंधन और प्रशासन की नींद नहीं टूटी. नतीजतन मजदूरों ने आज से भूख हड़ताल भी शुरू कर दी.
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं मजदूर
फिनले मिल में काम करने वाले 700 मजदूर पिछले 26 महीनों से वेतन के लिए तरस रहे हैं. तकरीबन ढाई साल से इन मेहनतकशों को उनकी खून-पसीने की कमाई से अब तक महरूम रखा गया है, जिसकी वजह से मजदूरों के घरों में चूल्हे ठंडे पड़ चुके हैं. शोले स्टाइल में प्रदर्शन कर रहे ये मजदूर, जो दिन-रात पसीना बहाकर मिल को चलाते हैं, अब अपनी मेहनतकश कमाई की मांग कर रहे हैं. मजदूूरों ने कहा कि जब तक उनकी समस्या का हल नहीं निकलेगा तब तक उनका प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहेगा.