- महाराष्ट्र विधान भवन में हुई हाथापाई की घटना पर अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने संसद की तर्ज पर एथिक्स कमिटी गठित करने की घोषणा की है.
- अगले सत्र से केवल विधिमंडल सदस्य, उनके निजी सहायक और सरकारी अधिकारी ही विधानमंडल परिसर में प्रवेश कर सकेंगे.
- अवैध रूप से परिसर में प्रवेश करने वाले दो विधायकों को अध्यक्ष ने सदन में माफी मांगने को कहा, दोनों ने खेद व्यक्त किया है.
Maharashtra Assembly News: महाराष्ट्र विधान भवन में हुई हाथापाई को लेकर अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कड़ी आपत्ति जताई है. स्पीकर ने संसद की तर्ज पर राज्य विधानमंडल में इस मामले की जांच के लिए एथिक्स कमिटी गठित करने की बात कही है. विधानमंडल में कल हुई हाथापाई की घटना के कारण विधानसभा की गंभीर बदनामी हुई है. इस पर नियंत्रण लाने के लिए, अब संसद की एथिक्स कमिटी की तर्ज पर यहां भी एक ऐसी समिति विधान परिषद के सभापति से चर्चा कर गठित की जाएगी, ऐसी घोषणा विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सदन में की.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगले सत्र से केवल विधिमंडल सदस्य, उनके निजी सहायक और शासकीय अधिकारी ही विधानमंडल परिसर में प्रवेश कर सकेंगे. अन्य किसी भी व्यक्ति को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अध्यक्ष ने दोनों सदस्यों से माफी मांगने को कहा
कल की घटना में शामिल एक व्यक्ति विधायक जितेंद्र आव्हाड के साथ और दूसरा विधायक गोपीचंद पडळकर के साथ बिना प्रवेश पत्र के अवैध रूप से विधानमंडल परिसर में आया था. इस पर अध्यक्ष ने दोनों विधायकों को सुझाव दिया कि वे सदन में माफी मांगें. दोनों सदस्यों ने इस पर खेद व्यक्त किया.
विधायक के साथ सदन में आने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी MLA की
हाथापाई करने वालों में से एक व्यक्ति आव्हाड के साथ था, जबकि बाकी छह से सात लोग पडळकर के साथ आए थे. इन सभी पर विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई भी की जाएगी. अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि जो व्यक्ति विधायक के साथ विधानमंडल परिसर में आते हैं, उनकी पूरी ज़िम्मेदारी संबंधित विधायक की होगी.
CM बोले- जनता आपके बारे में क्या सोच रही है, यह देखिए
अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी घटनाओं के कारण जनता के बीच विधानमंडल की छवि धूमिल हुई है. इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गंभीरता से टिप्पणी करते हुए कहा, "इस विषय की गंभीरता को समझिए. जनता आपके बारे में क्या सोच रही है, यह देखिए. जनभावनाओं का ध्यान रखिए और कृपया इस पर राजनीति न कीजिए.
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