- महाराष्ट्र के ठाणे जिले हजारों आदिवासी अपनी मांगों के साथ पैदल मार्च कर मुंबई मंत्रालय पहुंचे हैं.
- आदिवासी समूह गैर-आदिवासी जातियों को एसटी वर्ग में शामिल करने के विरोध में पदयात्रा कर रहे हैं.
- आदिवासियों की मांगों में जाति सत्यापन कानून में संशोधन, 85 हजार रिक्त सरकारी नौकरियों को भरना आदि शामिल है.
महाराष्ट्र में आदिवासियों का विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. हज़ारों आदिवासी अपने अधिकारों के लिए ठाणे के शाहपुर से पैदल मार्च करते मुंबई (Mumbai Adwasi March) पहुंचे. ये लोग मुंबई में मंत्रालय जाकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे. हजारों की संख्या में मौजूद आदिवासियों का ये मार्च 14 सितंबर को शाहपुर से निला था, जो कि 16 तारीख को मुंबई पहुंचा है. अब ये लोग मंत्रालय में सरकार के सामने 19 प्रमुख मांगे रखेंगे.
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स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी
ठाणे का शहापुर तालुका एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यहां कातकरी, थाकुर और अन्य जनजातियां रहती हैं. कई टोले यहां आज भी अंधेरे में डूबे हैं. बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं इन क्षेत्रों तक पहुंची ही नहीं हैं. आदिवासी संगठनों के मुताबिक, तालुका के 70 से अधिक टोलों में सड़कें नहीं हैं, जिससे हेल्थ इमरजेंसी में लोगों की जान पर बन आती है.
मंत्रालय के सामने रखेंगे अपनी मांगें
इन्हीं सभी मांगों को लेकर यह मोर्चा एकजुट हुआ है. प्रदर्शनकारियों के नेताओं ने सरकार से बातचीत करने की इच्छा जताई है, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मांगों पर जल्द कोई निर्णय लिया जाएगा.