Advertisement

Maharashtra: कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा दुरुस्‍त कर रहा महाराष्‍ट्र, 57 दिनों में 44,538 मौतें रिपोर्ट हुईं

Covid-19 Death in Maharashtra: दूसरी लहर की पीक के दौरान जलती चिताओं और सरकारी मौत के आंकड़ों में अंतर की गुत्थी शायद अब सुलझती दिख रही है.

Advertisement
Read Time: 4 mins
Maharashtra Coronavirus death: महाराष्‍ट्र में कोरोना के हुई मौतों के आंकड़ों को दुरुस्‍त किया गया है
मुंंबई:

Covid-19 Death in Maharashtra: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान देश के कई राज्यों पर मौतों के आंकड़े छिपाने या कम दर्शाने के आरोप लगे, इसी कड़ी में महाराष्ट्र ने भी पुरानी मौतों का आंकड़े उजागर करने शुरू कर दिए हैं और कहा आंकड़े छुपाए नहीं गए बल्कि स्टाफ़ की क़िल्लत के कारण गिनती में देरी हुई. Maharashtra में 17 मई से पुरानी मौतों का आंकड़ा रिलीज़ करने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अब तक यानी क़रीब 2 महीने बाद भी जारी है. 57 दिनों में महाराष्ट्र ने 27 हज़ार से ज़्यादा पुरानी मौतें रिपोर्ट की हैं. इन, 57 दिनों में रोज़ाना रिपोर्ट होने वाली मौतों का आंकड़ा क़रीब 17 हज़ार है.

भारत की पहली कोविड रोगी दोबारा कोरोना वायरस से संक्रमित

दूसरी लहर की पीक के दौरान जलती चिताओं और सरकारी मौत के आंकड़ों में अंतर की गुत्थी शायद अब सुलझती दिख रही है. महाराष्ट्र में बीते 57 दिनों में 44,538 मौतें रिपोर्ट हुई हैं इनमें से 62% मौतें, पुरानी है. मौत के आंकड़ों को छुपाने के आरोप के बीच महाराष्ट्र ने 17 मई से आंकड़ों को फिर से दुरुस्त करने का काम शुरू किया था.17 मई से 31 मई तक 6,207 पहले की मौतें रिपोर्ट हुईं जबकि रोज़ की मौतों का आंकड़ा इससे अलग 7,651 रहा.जून महीने में पुरानी मौत 19,059 तो रोज़ रिपोर्ट होने वाली मौतों का आंकड़ा 7,542 था. जुलाई में अब तक, 12 दिनों में 2,317 पुरानी मौतें रिपोर्ट हो चुकी हैं तो 1,762 रोज़ाना की मौतें दर्ज हुई हैं यानी बीते 57 दिनों में 27,583 पुरानी तो 16,955 रोज़ की मौतें दर्ज हुईं हैं.

सीरम इंस्‍टीट्यूट सितंबर से करेगा रूसी वैक्‍सीन स्‍पूतनिक का उत्‍पादन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महाराष्ट्र प्रवक्ता का आरोप है कि महाराष्ट्र और देश में रिपोर्ट हो रहे मौत के आँकड़ों में 10 प्रतिशत ग़फ़लत हो सकती है IMA के महाराष्‍ट्र प्रवक्‍ता डॉ अविनाश भोंडवे ने कहा, 'आंकड़े अगर देखे जाएं तो महाराष्ट्र या फिर पूरे भारत में आंकड़ों की रिपोर्टिंग में ज़्यादा बारीकियां नहीं दिखतीं. ग्रामीण या फिर शहरी इलाक़ों से जो आंकड़े दर्ज होते हैं, ये दर्ज करने वालों की शायद बेहतर ट्रेनिंग नहीं है या इन मौतों की गंभीरता उन्हें नहीं पता. इसलिए जो आँकडे दर्ज हो रहे हैं उसमें क़रीब 10% की ग़फ़लत दिखती है, शायद इतने आंकड़े कम रिपोर्ट हो रहे हैं.' महाराष्ट्र में कोरोना से अब तक 1 लाख 26 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरी लहर में मामले फ़रवरी से ही बढ़ने शुरू हुए थे, मौतों का आंकड़ा रोज़ाना 900-1000 के क़रीब अप्रैल माह में दिखने लगा था. आंकड़ों में किया जा रहा यह सुधार, दूसरी लहर के क़हर को और भयानक तरीक़े से पेश करता है. इस बीच, राज्य की कोविड डेथ ऑडिट कमिटी इन मौतों की स्टडी शुरू कर चुकी है ताकि पहली और दूसरी लहर की मौतों में वायरस के असर को समझा जा सके.

Featured Video Of The Day
Elections 2024 में Chandigarh Mayor Polls कितना बड़ी मुद्दा, BJP प्रत्याशी Sanjay Tandon ने बताया?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: