मुंबई में मामले बढ़े, कोविड मरीजों में अब बुखार, खराश और स्‍वाद/गंध की कमी के अलावा दिख रहे कुछ नए लक्षण

कोरोना के बढ़ते मामलों में बीच महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स ने नए लक्षणों को लेकर सतर्क किया है. कोविड के आम लक्षणों में बुखार, सूखी खांसी, स्वाद/गंध की कमी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान शामिल हैं.

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मुंबई में कोरोना के मामलों की संख्‍या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है ( प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंबई:

Maharashtra: महाराष्‍ट्र (Maharashtra) की राजधानी मुंबई  में बीते तीन हफ़्तों में कोविड के रोज़ाना के मामले दोगुने हुए हैं. एक्टिव मरीज़ 38% बढ़े हैं, इसके साथ ही पॉजिटिविटी रेट में भी इजाफा हुआ है. अब कोविड टास्क फ़ोर्स ने नए लक्षणों को लेकर डॉक्टरों को सतर्क किया है. कोविड मरीज़ों में सुनने की समस्या, मुंह सूखना,आंख आना जैसे नए लक्षण शामिल दिख रहे हैं.बीते 16 अगस्त को ही मुंबई ने दूसरी लहर का सबसे कम संक्रमण का आँकड़ा (190 नए केस ) दर्ज किया था, अब 20 दिनों में ही कोरोना के मामले दोगुने  से भी बढ़कर एक दिन में 500 के क़रीब पहुंच गए हैं. मुंबई में 20 दिन पहले की तुलना में एक्टिव पेशेंट 38% बढ़ गए तो पॉजिटिविटी रेट जो 0.7% थी वो बढ़कर 1.15% पर आ गई है.इन्हीं 20 दिनों में सील की गयीं इमारतें भी 21 से 44 यानी दोगुनी हो गई है. 

मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों में बीच महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स ने नए लक्षणों को लेकर सतर्क किया है. कोविड के आम लक्षणों में बुखार, सूखी खांसी, स्वाद/गंध की कमी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान तो शामिल है ही. अब नए लक्षणों में सुनने की समस्या, मुंह सूखना, तेज़ सिरदर्द, कंजंक्टिवायटिस यानी आंख आना, स्किन रैशेज या स्किन में जलन, दस्त और ठंड लगना या चक्कर आना जैसी समस्याएं भी शामिल हैं. इस बार लक्षणों की शुरुआत में ही कमज़ोरी और बदनदर्द तेज़ या तीव्र दिख रहे हैं. बीकेसी जंबो सेंटर, की डॉ सोनाली कीर्तने बताती हैं, '40 साल के मेल पेशेंको आज ही भर्ती किया है, ठंड लगकर फ़ीवर आने की उनकी समस्या क़रीब  पांच दिनों से इनमें थी लेकिन इनमें अलग ये है की पहले के मरीज़ों की तुलना में इनमें बदन दर्द और कमजोरी काफ़ी ज़्यादा है.'

 महाराष्ट्र टास्क फ़ोर्स के डॉक्‍टर राहुल पंडित कहते हैं, 'नए लक्षणों में कंजंक्टिवायटिस दिख रहा है, कुछ कोविड मरीज़ों में सुनने की भी दिक़्क़त दिख रही है, मुंह सूखने की मरीज़ों में शिकायत दिख रही है. वहीं दूसरी लहर के दौरान जो गैस्ट्रोइंटेस्टिनल मामले थे वो अब भी दिख रहे हैं. मरीज़ों में पेट ख़राब होने से शुरुआत होती है फिर कोविड निकलता है.और जो मरीज़ अस्पताल में आ रहे हैं अधिकतम को साँस की दिक़्क़त होती है तब ही ये अस्पताल आते हैं.'विशेषज्ञ बताते हैं कि फ़िलहाल क़रीब 40% कोविड मरीज़ों को ऑक्‍सीजन की ज़रूरत पड़ रही है.कोविड जंबो हॉस्पिटल के डीन  डॉक्‍टर राजेश डेरे ने बताया, 'अभी इस बार जितने मरीज़ आए हैं उनमें क़रीब 30-40% में ऑक्‍सीजन की ज़रूरत पड़ी है मुझे लगता है शायद दूसरी वेव के दौरान मुंबई में जितनी ऑक्सिजन की ज़रूरत रही शायद उतनी ही रहे या मार्जिनल राइज़ दिखे. मुझे नहीं लगता ज़्यादा फ़र्क़ दिखेगा.'कोविड सेंटरों में बड़ी संख्या में बेड ख़ाली हैं, पर शहर में जिस तरह से बीते क़रीब तीन हफ़्तों में मामले बढ़े हैं उससे पूरी व्यवस्था अलर्ट पर है.

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