Maharashtra : कोरोना के मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) से अच्छी खबर है. राज्य के 6 ज़िलों से मंगलवार को कोविड-19 (Covid-19 case) का एक भी केस नहीं आया जबकि चार ज़िले तो कोविड मुक्त होने की राह पर हैं. कभी कोविड हॉटस्पॉट रहे विदर्भ इलाक़े में या तो केस नहीं आ रहे हैं या इक्का-दुक्का आ रहे हैं. फिक्र अब पुणे इलाक़े वाले पश्चिम महाराष्ट्र को लेकर है जहां से 70 फ़ीसदी केस आ रहे हैं. अप्रैल तक कोविड का क़हर झेल रहे विदर्भ के ग्यारह ज़िलों में या तो कोई कोविड केस नहीं मिल रहा या महज दो-चार केस मिल रहे हैं. इन आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि Maharashtra का बड़ा हिस्सा कोविड मुक्त होने की राह पर है.
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महाराष्ट्र के 15 ज़िले ज़ीरो या फिर सिंगल डिजिट केस दर्ज कर रहे हैं.6 ज़िलों में मंगलवार को कोई मामला नहीं आया. धुले में ज़ीरो, भंडारा में 1, गोंदिया में 2 तो नंदुरबार में सिर्फ़ 4 ऐक्टिव कोविड मरीज़ बचे हैं, ये चार ज़िले कोविड-फ़्री होने की राह पर हैं, इसके बावजूद महाराष्ट्र सरकार पूरी सतर्कता बरत रही. राज्य सरकार की कोविड टास्क फ़ोर्स का कहना है कि वायरस की आंखमिचौली कुछ हिस्सों में अब भी जारी है और टीकाकरण की रफ़्तार ज़रूरत से कम है. राज्य में स्कूल फिर से खोलने की तैयारी हो रही है लेकन इंडियन मेडिकल एसोसियेशन महाराष्ट्र ने बच्चों को बिना वैक्सीनेट किए 17 अगस्त से महाराष्ट्र में स्कूल फिर से खोलने के फ़ैसले का विरोध किया है.
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IMA महाराष्ट्र के प्रवक्ता डॉ. अविनाश भोंडवे ने कहा,' बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल चालू है, हो सकता है सितम्बर तक अप्रूवल के बाद उपलब्ध हो जाए लेकिन जब तक ये बच्चे वैक्सीनेट नहीं होते तब तक स्कूल नहीं रीओपन होने चाहिए, ये ख़तरे से ख़ाली नहीं होगा. दुनिया के कई देशों जैसे फ़्रांस, जर्मनी में देखा गया कि बच्चों के स्कूल खुलने के बाद उनमें इन्फ़ेक्शन बहुत बढ़ गया. फिर स्कूल बंद लेने पड़े. ऐसे में तीसरी लहर के पायदान पर खड़े रहकर इस तरह स्कूल खोलना ख़तरे की बात है.' टीकाकरण की बात करें तो महाराष्ट्र में अब तक 4.75 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है, 1.22 करोड़ को दूसरी डोज़ लग चुकी है. बाक़ी राज्यों की तुलना में टीकाकरण की रफ़्तार यहाँ अच्छी तो है पर अभी तक राज्य की क़रीब 10% आबादी को ही पूरी तरह टीका लग पाया है. महाराष्ट्र में कोविड के मामले अब भी 5000-6000 के क़रीब अटके दिखते हैं क्योंकि पुणे सर्कल वाले पश्चिम महाराष्ट्र रीजन से अब भी रोज़ाना साढ़े तीन हज़ार से चार हज़ार के क़रीब मामले आ रहे हैं.