महाराष्ट्र में ठाणे के मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने 2019 में सड़क दुर्घटना में मरने वाले 24-वर्षीय एक व्यक्ति के परिजनों को 19.68 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. एमएसीटी सदस्य एचएम भोसले ने इस मामले में बीमाकर्ता सहित प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे याचिका दायर करने के दिन से आठ प्रतिशत की ब्याज दर से याचिकाकर्ताओं को मुआवजे की राशि उपलब्ध कराएं.
एमएसीटी ने 30 अगस्त को जारी आदेश में याचिका लागत के तौर पर याचिकाकर्ताओं को दो हजार रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील एस.एम. पवार ने अधिकरण को सूचित किया कि पीड़ित अनिल विशे एक होटल में रसोइया का काम करता था और हर महीने 21,000 रुपये कमाता था.
विशे 19 जुलाई 2019 को अपने दोस्त की बाइक पर घर जा रहा था, तब दूसरी दिशा से आ रहे ऑटो ने टक्कर मार दी. दोनों गिरकर घायल हो गए और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पांच सदस्यों वाला विशे का परिवार पूरी तरह उसकी कमाई पर निर्भर था. ऐसे में परिजनों ने ऑटो मालिक व बीमाकर्ता से मुआवजे की मांग की थी.
हालांकि, ऑटो मालिक पेश नहीं हुआ और मामले का निपटारा एकपक्षीय आदेश के साथ हुआ, जबकि बीमाकर्ता रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने विभिन्न आधार पर बीमा दावों का पुरजोर विरोध किया था.
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