- महाराष्ट्र एटीएस ने पुणे के कोंडवा इलाके से जुबेर हंगरकर को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया है
- जुबेर हंगरकर पर अल-कायदा से संबंध और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है
- एटीएस ने जुबेर के परिसरों से कट्टरपंथी सामग्री और संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं
महाराष्ट्र एटीएस ने पुणे के कोंडवा इलाके से 'अनलॉफुल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट, 1967' (UAPA) के तहत जुबेर हंगरकर नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक, एटीएस ने कुछ दिन पहले यहां बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, संदिग्ध सामान और डॉक्यूमेंट्स जब्त किए गए थे. एटीएस सूत्रों ने बताया है कि गिरफ्तार आरोपी के अल कायदा से संबंध हैं. जुबैर के लिंक अल-कायदा से जुड़े होने की बात सामने आई है. आतंकवाद और टेरर नेटवर्क के खिलाफ छिड़े अभियान में ये ऑपरेशन बेहद अहम माना जा रहा है.
जुबैर हंगरकर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल!
पिछले महीने से पुणे एटीएस की निगरानी में रहे जुबैर हंगरकर को गिरफ्तारी के तुरंत बाद अदालत में पेश किया गया. विशेष यूएपीए अदालत ने उसे 4 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुणे शहर के कोंढवा इलाके से गिरफ्तार किए गए आरोपी पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने अदालत को बताया कि जुबैर हंगरकर कथित तौर पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल था और महाराष्ट्र तथा अन्य शहरों में आतंकी हमलों की योजना बना रहा था. पुलिस ने कहा कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर के परिसरों की तलाशी के दौरान युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री मिली.
वहीं, इसी तरह की एक अन्य कार्रवाई में पुणे पुलिस ने 27 अक्टूबर को पुणे रेलवे स्टेशन पर चेन्नई एक्सप्रेस से चार संदिग्धों को हिरासत में लिया था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 9 अक्टूबर को एटीएस ने पुणे में कई ठिकानों पर छापेमारी की और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज और सामग्री बरामद की, जिससे क्षेत्र में एक व्यापक आतंकी नेटवर्क की मौजूदगी का संकेत मिलता है.
आईएस की ऑनलाइन कट्टरपंथी शाखा बेहद सक्रिय
सोमवार को पुणे एटीएस की कार्रवाई, इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक मामले में दिल्ली के सादिक नगर से मोहम्मद अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब (19) और भोपाल से अदनान खान उर्फ अबू मोहम्मद (20) की गिरफ्तारी के कुछ ही समय बाद हुई है. इन दोनों गिरफ्तारियों से संकेत मिलता है कि आईएस की ऑनलाइन कट्टरपंथी शाखा बेहद सक्रिय है. दिल्ली मामले की अब तक की जांच से पता चला है कि दोनों ऑनलाइन कट्टरपंथी बन गए थे और सीरिया में एक हैंडलर को रिपोर्ट कर रहे थे. यह तथ्य कि दोनों को सीरिया से नियंत्रित किया जा रहा था, स्पष्ट रूप से देश में समूह के पुनरुत्थान का संकेत देता है.
हालांकि, इस्लामिक स्टेट सीरिया में पराजित हो गया था, फिर भी उसने जोरदार वापसी की है. इस साल उसने 115 हमले किए हैं, जबकि पिछले साल 72 हमले हुए थे, यह इस बात का संकेत है कि यह समूह और भी मजबूत हो गया है. खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि भारत में उसके अभियान सीरिया से चलाए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें :- मसूद अज़हर के आतंकी मंसूबों का ये है खूबसूरत चेहरा, नाम है अफीरा, पूरा परिचय जान चौंक जाएंगे














