कोविड का असर कम होते ही नॉन कोविड बीमारियों के Claim में दिखा उछाल

एक बदलाव यह देखने में आया है कि कोविड के बाद लोग ख़ुद बीमा कंपनियों से बीमा ले रहे हैं जबकि पहले उनको जाकर समझाना पड़ता था.

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नॉन-कोविड बीमारियों के क्लेम में अचानक 20-30% का उछाल आया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंबई:

कोविड का प्रकोप कम हुआ तो मुंबई के अस्पतालों में बाक़ी बीमारियों के मरीज़ों की संख्या इस कदर बढ़ी है कि बीमा कंपनियां नॉन-कोविड बीमारियों के क्‍लेम में अचानक उछाल देख रही हैं. पोस्ट कोविड दौर में हृदय रोगी बढ़े हैं. कोरोना महामारी के दौर में स्वास्थ्य बीमा उद्योग में व्यापक बदलाव आया है. कोविड के केस घटे हैं कि बीमा कंपनियां नॉन-कोविड बीमारियों के क्लेम में  अचानक 20-30% का उछाल देख रही हैं. हृदय रोग, डेंगू, सांस की बीमारियां और अन्य गैर-कोविड बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज़ बढ़े हैं. इंश्योरेंस क्लेम का आकार भी बढ़ा है.

हाउडन इंश्‍योरेंज ब्रोकर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एम्‍पलाई बैनेफिट) के नेशनल हैड सुदीप इंदानी कहते हैं, 'लोग रूटीन सर्जरी, या चैकअप नहीं करवा रहे थे अब अचानक वो बढ़े हैं इसलिए क्लेम बढ़ा है. कोविड का भी क्लेम बढ़ा है. एक और अहम चीज़ जो इंडस्ट्री फ़ेस कर रही है वो है क्लेम का साइज़ बढ़ गया है, अस्पताल कई नए सेफ़्टी मेज़र ले रही है उसके कारण क्लेम की साइज़ बढ़ी है.' अलग-अलग अस्पताल बताते हैं कि पोस्ट कोविड दौर में सबसे ज़्यादा हृदय रोग के मरीज़ों की संख्या बढ़ी है. वॉकहार्ट अस्‍पताल के कंसल्‍टेंट कॉर्डियोलॉजिस्‍ट डॉ. अंकुर फाटरपेकर कहते हैं, 'हृदय रोग के मरीज़ बढ़े हैं. कम उम्र के मरीज़ जिनमें पहले ऐसी कोई हार्ट की शिकायत नहीं थी, वो भी हृदय रोगी बन रहे हैं. हार्ट प्राब्लम्ज़ और कोविड का ऐसा कनेक्शन है कि ये वायरस हमारे ब्लड को क्लॉट करता है. वायरस आपके शरीर में गया तो ब्लड क्लॉटिंग शुरू होती है.  जिससे हार्ट अटैक और Pulmonary embolism यानी आर्टरीज़ का ब्लॉक होना जैसी दिक़्क़त होती है.'

एक बदलाव यह देखने में आया है कि कोविड के बाद लोग ख़ुद बीमा कंपनियों से बीमा ले रहे हैं जबकि पहले उनको जाकर समझाना पड़ता था.सुदीप कहते हैं, 'एम्प्लॉईज़ अब सिर्फ़ अपनी कम्पनी पर नहीं बल्कि अलग से भी बीमा करवा रहे हैं. कई कारण हैं पहले जहां एक परिवार से एक क्लेम अमूमन दिखता था अब कई क्लेम दिख रहे हैं तो लोग खुद से अलग से बीमा करवा रहे हैं. साथ ही ये भी देखा गया कि कई जगह ‘ले ऑफ़' हुए और लोगों को काम से निकाला गया तो एम्प्लॉईज़ अब कम्पनी पर निर्भर न होकर खुद से अलग से बीमा करवा रहे हैं.' कोविड ने दरअसल लोगों का ध्यान इस बात पर खींचा है कि सेहत की इमरजेंसी के लिए तैयारी रहनी चाहिए. फिलहाल बीमा उसका एक उपाय दिख रहा है. 

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