महाराष्ट्र के नेताओं के खिलाफ ED की कार्रवाई राज्य सरकार को दबाने का प्रयास : शरद पवार

ईडी राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख तथा एकनाथ खडसे के खिलाफ अलग-अलग धनशोधन मामलों की जांच कर रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार.
पुणे:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के विभिन्न नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण करने और राजनीतिक विरोधियों को हतोत्साहित करने का प्रयास है. ईडी राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख तथा एकनाथ खडसे के खिलाफ अलग-अलग धनशोधन मामलों की जांच कर रहा है. केंद्रीय एजेंसी ने पिछले हफ्ते धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद भावना गवली से जुड़े कई परिसरों पर भी छापे मारे थे. महाराष्ट्र में राकांपा शिवसेना और कांग्रेस के साथ सत्ता में है.

पवार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'महाराष्ट्र में विगत में ईडी की इतनी कार्रवाई के बारे में कभी नहीं सुना. एक कार्रवाई खडसे के खिलाफ चल रही है, दूसरी अनिल देशमुख के खिलाफ और भावना गवली के खिलाफ भी. इन एजेंसियों को औजार के रूप में उपयोग करके राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण और विरोधियों को हतोत्साहित करने का यह प्रयास है.'

भावना गवली से जुड़े परिसरों पर ईडी की छापेमारी के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह मामला शैक्षणिक संस्थानों का है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा, 'जब इस तरह के संस्थानों के खिलाफ आरोप होते हैं, तो चैरिटी आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है. अगर चैरिटी आयुक्त नहीं तो राज्य सरकार की एजेंसियां ​​हैं, लेकिन यहां सीधे ईडी शामिल हो गया था.'

कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, "मैंने कई ऐसे कार्यक्रम देखे हैं जहां (कोविड​​​​-19) दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है." उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक दलों को भीड़ से बचने के लिए आंदोलन, बैठकों और अन्य कार्यक्रमों को तुरंत रोकने के लिए कहा है, इसलिए वह बड़ी सभाओं वाले कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा, "मैं केवल सीमित संख्या में लोगों के साथ घर के अंदर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होऊंगा.

हिंदू और मुस्लिमों के पूर्वजों के समान होने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पवार ने चुटकी ली, 'यह मेरे ज्ञान में वृद्धि है.'

पवार ने सहकारी क्षेत्र में भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, "सहकारी ऋणदाताओं ने बैंकिंग क्षेत्र को जमीनी स्तर तक पहुंचाया. ऐसे बैंक वित्तीय जरूरतों के मामले में कई लोगों की मदद करते हैं. सहकारी बैंकों का विलय और बंद होना न केवल सहकारी क्षेत्र के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी नुकसानदेह है जो इससे लाभ उठाते रहे हैं.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Parliament Winter Session: Lok Sabha 57% तो Rajya Sabha 43% चली, सत्र में आधा काम, बाकी हंगामा
Topics mentioned in this article