मुंबई की कंपनी का धोखाधड़ी वाला खेल, 5 हजार निवेशकों से 900 करोड़ ठग मालिक फरार

Chembur Financial Company Fraud Case: अब न तो निवेश पर ब्याज मिल रहा है, न ही मूलधन की कोई गारंटी दी जा रही है. जब कंपनी की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला, तो निवेशकों ने संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करा दी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Ms. Access Fin Services Company Fraud:  मुंबई में दादर की टॉरेस धोखाधड़ी जैसी एक चौंकाने वाली घटना में चेम्बूर स्थित एक वित्तीय कंपनी Ms. Access Fin Services ने करीब 5000 निवेशकों से ₹800 से ₹900 करोड़ रुपये की ठगी की है. कंपनी ने हर महीने ज्यादा ब्याज देने का वादा किया था. अब कंपनी का ऑफिस बंद होने वाला है और मालिक प्रवीण ओभान फरार है. जानकारी के अनुसार वह देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहा है.

एक वरिष्ठ नागरिक माटुंगा निवासी जेम्स नडार इस धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं. उनका कहना है, 'दो साल पहले मैंने चेम्बूर ऑफिस में प्रवीण ओभान से मुलाकात की थी. उसने कहा कि मैं अपनी पेंशन की राशि निवेश करूं और हर महीने 10% से 20% ब्याज दूंगा. मैंने उस पर भरोसा किया और ₹12 लाख रुपये निवेश किए. पहले एक-दो महीने थोड़ा ब्याज मिला, फिर बंद हो गया. मैं बार-बार ऑफिस गया, लेकिन पैसा वापस नहीं मिला. उल्टा, मुझे गुंडों और बाउंसरों से धमकी दी गई.'

नडार ने बताया कि रोज़ाना सैकड़ों निवेशक अपने पैसे वापस मांगने ऑफिस आ रहे थे, लेकिन किसी को जवाब नहीं मिल रहा था. उन्‍होंने बताया, 'मुझे समझ आ गया कि यह भी टॉरेस धोखाधड़ी जैसा बड़ा घोटाला बनने वाला है. मैंने तुरंत पुलिस को बुलाया. गोवंडी पुलिस स्टेशन के अधिकारी आए और मुझे ऑफिस के ऊपर ले गए. मैंने दो महिला स्टाफ से शिकायत की, लेकिन उन्होंने बदतमीजी से जवाब दिया और कहा कि थाने में जाओ, उनका मालिक सब देख लेगा.'

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नडार ने गोवंडी पुलिस स्टेशन में बाद में आधिकारिक शिकायत दर्ज की. वहां पता चला कि पहले से कई निवेशकों ने शिकायतें दी हुई हैं. पुलिस सूत्रों  ने बताया, 'काफी लोगों ने अब तक शिकायत दर्ज की है. हम सभी के बयान दर्ज कर रहे हैं और उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाएगा. मामला आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपा जा सकता है.'

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नडार ने यह भी बताया कि प्रवीण ओभान के पास चेम्बूर, नवी मुंबई, और सायन कोलीवाडा में कई संपत्तियां हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती से निवेदन किया है कि इस मामले को गंभीरता से लें और तत्काल कार्रवाई करें. उनका कहना है  कि अगर पुलिस तुरंत कार्रवाई करके प्रवीण ओभान को गिरफ्तार करती है, तो शायद सभी निवेशकों को अपना पैसा वापस पा सकते हैं. 

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निवेशक नाडार ने वर्ष 2022 से एक निजी कंपनी में निवेश करना शुरू किया था. अब तक उन्होंने करीब 12 लाख रुपये इस कंपनी में निवेश कर दिए हैं. नाडार का कहना है कि कंपनी ने शुरुआती पांचवें महीने से उन्हें निवेश पर ब्याज देने की बात कही थी. शुरुआती दो महीनों तक उन्हें ब्याज भी मिला, लेकिन पिछले सात महीनों से कोई भुगतान नहीं हुआ है.

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नाडार ने आरोप लगाया है कि जब भी वह कंपनी के कार्यालय जाते हैं, तो प्रवीन उभान, जो मालिक है उनसे नहीं मिलता और उनके फोन कॉल्स भी नहीं उठाए जा रहे हैं. न केवल नाडार, बल्कि कई अन्य निवेशकों को भी यही परेशानी हो रही है.

कंपनी के दफ्तर में मौजूद महिला कर्मचारियों से जब संपर्क किया जाता है, तो वे भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं देतीं. निवेशकों का आरोप है कि जब भी वे अपने पैसे को लेकर सवाल करते हैं, तो महिला कर्मचारी कहती हैं, "हमसे नहीं, प्रवीन उभान से पूछिए."

फिलहाल मामला दर्ज होने के बाद पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है. निवेशकों ने मांग की है कि प्रवीन उभान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए और उनका पैसा जल्द वापस दिलवाया जाए.

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