गठबंधन धर्म का पालन करें.. महाराष्ट्र में महायुति में कुछ तो गड़बड़ है, शिंदे की बीजेपी को दो टूक

महाराष्ट्र में महायुति यानि भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी पहली बार स्थानीय चुनावों की परीक्षा से गुजरने जा रहा है. लेकिन इससे पहले कुछ शिवसेना नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम कर महायुति में तनाव पैदा कर दिया है. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी को गठबंधन धर्म निभाने को कहा है.

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  • महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महायुति में तनातनी बढ़ गई है.
  • CM फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे ने 'नो-पॉचिंग पैक्ट' किया था, लेकिन कई शिवसेना नेता BJP में शामिल हो गए
  • बीजेपी में शामिल हुए शिवसेना नेताओं में अंबरनाथ, रूपसिंह धाल, आनंद ढोके, रानी वाडकर और अनमोल म्हात्रे शामिल
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मुंबई:

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महायुति में लगातार बढ़ती तनातनी के बीच डिप्टी चीफ मिनिस्टर एकनाथ शिंदे ने 'गठबंधन धर्म' को निभाने की नसीहत दी है. नो-पॉचिंग पैक्ट के बावजूद पिछले कुछ समय में कई शिवसेना नेताओं ने बीजेपी का कमल थाम लिया है, जिससे एकनाथ शिंदे यकीनन नाराज होंगे. बीजेपी के इस कदम से शिवसेना की भौहें तन गई हैं, और दोनों दलों के बीच तनाव बढ़ गया है. महाराष्‍ट्र में दो दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनावों का महत्वपूर्ण दौर शुरू होने वाला है, जिसमें 246 नगरपालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए मतदान होना है

'हम गठबंधन धर्म का पालन कर रहे, तो वो भी करें'

शिवसेना नेताओं के बीजेपी के जाने नाखुश एकनाथ शिंदे ने कहा, 'मेरा कहना है कि अगर हम गठबंधन धर्म का पालन करते हैं, तो हमारी सहयोगी पार्टियां भी इसे फॉलो करें. क्योंकि यह हमारा गठबंधन है, कल या आज का नहीं है. यह अलायंस बालासाहेब, अटलजी, आडवाणीजी के ज़माने का है. हमारा अलायंस पावर और कुर्सी के लिए नहीं बना था, ये अलायंस आइडियोलॉजी, सोच के लिए बना था. अब हमारे एनडीए के मुखिया नरेंद्र मोदी इस बात पर ज़्यादा फोकस कर रहे हैं कि गठबंधन को कैसे मज़बूत बनाया जाए.'

फडणवीस और शिंदे ने किया था ‘नो-पॉचिंग पैक्ट'

महायुति में लगातार बढ़ती तनातनी के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मिलकर एक ‘नो-पॉचिंग पैक्ट' किया था. इस समझौते के तहत तय किया गया कि बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) एक-दूसरे के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नहीं तोड़ेंगे, ताकि निकाय चुनावों से पहले गठबंधन की एकता बनी रहे. लेकिन इस समझौते के कुछ ही दिनों बाद कई शिवसेना नेता भाजपा में शामिल हो गए, जिससे यह समझौता कागज़ी साबित होता दिखा और महायुति में अविश्वास बढ़ गया. ये उन नेताओं के नाम है, जिन्होंने नो पॉचिंग पैक्ट बनने के बाद भी शिवसेना का दामन छोड़ अब बीजेपी का हाथ थाम लिया है.

इन शिवसेना नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन

  • अंबरनाथ 
  • रूपसिंह धाल
  • आनंद ढोके
  • शिल्पारानी वाडकर  
  • अनमोल म्हात्रे 

महाराष्ट्र में दो दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनावों का महत्वपूर्ण दौर शुरू होने वाला है, जिसमें 246 नगरपालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए मतदान होना है, जो उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित त्रिस्तरीय प्रक्रिया का पहला चरण है. दो दिसंबर के चुनावों को महाराष्ट्र में राजनीतिक भावना के एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने 288 में से 235 सीटें हासिल करके भारी जीत हासिल की. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों से पता चलेगा कि क्या जीत का यह सिलसिला जमीनी स्तर के शासन पर भी जारी रहेगा या विपक्षी एकजुटता नगरपालिका स्तर पर सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रभुत्व को चुनौती दे सकती है.

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