नगर निकाय 'सेमीफाइनल' में BJP का वर्चस्व, BMC चुनाव से पहले विपक्ष को झटका, क्या है बड़ा संदेश?

288 नगर निकाय चुनाव के नतीजे 15 जनवरी को होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) और अन्य 28 नगर निगम चुनावों के लिए सेमीफाइनल की तरह हैं, जहां महायुति को बड़ा फायदा मिलता दिख रहा है.

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  • महाराष्ट्र के नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में BJP ने 100 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाकर मजबूत पकड़ दर्शाई है.
  • स्थानीय स्तर पर महायुति गठबंधन के अंदर भाजपा और शिंदे की शिवसेना ने कई जिलों में आमने-सामने मुकाबला किया.
  • विपक्षी MVA गठबंधन में आंतरिक मतभेदों के कारण सीटों की संख्या कम होने से महायुति गठबंधन को फायदा हुआ है.
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महाराष्ट्र में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव परिणामों ने साफ कर दिया है कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की जमीनी पकड़ मजबूत है. शुरुआती रुझानों और परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जो 100 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है और कई जगहों पर स्पष्ट जीत दर्ज कर चुकी है.

BMC चुनाव पर दिखेगा असर

ये नतीजे 15 जनवरी को होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) और अन्य 28 नगर निगम चुनावों के लिए सेमीफाइनल की तरह हैं, जहां महायुति को बड़ा फायदा मिलता दिख रहा है.  

विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) काफी पीछे है. मतगणना सुबह 10 बजे शुरू हुई और शाम तक ज्यादातर परिणाम आने की उम्मीद है. 

नतीजों से जुड़ी 7 मुख्य बातें

1. महाराष्ट्र में नगर परिषदों और नगर पंचायत चुनावों में BJP को एकतरफा जीत मिलती दिख रही है. BJP ने खुद को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित किया है, जो BJP की जमीनी पकड़ को दर्शाता है. शुरुआती रुझानों में BJP 100 से ज्यादा अध्यक्ष पदों पर आगे है और कई जगहों पर निर्विरोध जीत भी हासिल की.

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2. राज्य स्तर पर गठबंधन होने के बावजूद, स्थानीय स्तर पर BJP और एकनाथ शिंदे की शिवसेना कई जिलों में एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में थे. सिंधुदुर्ग, सतारा, धाराशिव, पुणे, नासिक, पालघर और ठाणे जैसे महत्वपूर्ण जिलों में BJP और शिवसेना (शिंदे गुट) ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे. फिर भी महायुति का कुल प्रदर्शन मजबूत रहा.

3. ये भी देखना जरूरी है कि जहां-जहां सत्ताधारी महायुति में कुछ सीटों पर मुकाबला था, वहां विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में स्पष्ट बिखराव दिखा! यानी फायदा महायुति को ही हुआ. MVA की सीटें काफी कम हैं, जो उनके आंतरिक मतभेदों को उजागर करता है.

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4. कांग्रेस ने कई शहरों में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया और वह BJP के साथ कई शहरों में सीधे मुकाबले में रही, और इसका फायदा भी कांग्रेस को होता हुआ दिखा. कुछ जगहों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कुल मिलाकर MVA पीछे है.

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5. महाविकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस बेहतर परफॉर्म करती दिख रही है. BMC चुनाव में अकेले लड़ने का कांग्रेस के फैसले का दायरा अब इस नतीजे के बाद मुंबई के अलावा दूसरे नगर निगमों में भी बढ़ता दिख सकता है. कांग्रेस ने कुछ महत्वपूर्ण सीटें जीतीं या आगे है.

6. उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने इस बार चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखी, जिसका असर रुझानों में उनके गुटों की कम सीटों के रूप में दिख रहा है. शिवसेना (UBT) और NCP (शरद पवार गुट) का प्रदर्शन कमजोर रहा, जबकि शिंदे और अजित पवार गुट मजबूत दिखे.

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7. इन चुनावों में कुछ अनोखे राजनीतिक प्रयोग भी देखने को मिले, कोल्हापुर जैसे जिलों में प्रतिद्वंद्वी रहे अजित पवार और शरद पवार के गुटों ने कुछ जगहों पर हाथ मिलाया. वहीं, कुछ स्थानों पर कांग्रेस के स्थानीय गुटों ने BJP के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, जो स्थानीय स्तर पर लचीले गठबंधनों को दिखाता है.

ये परिणाम BMC और अन्य बड़े नगर निगम चुनावों के लिए संकेत हैं, जहां महायुति की मजबूत स्थिति विपक्ष के लिए चुनौती बनेगी.

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