भ्रष्टाचार का एक और पूजा खेडकर पैटर्न! सांगली के गिरफ्तार उपायुक्त पर बहरेपन का फ़र्ज़ी प्रमाणपत्र लेने आरोप

भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के तत्कालीन उप अधीक्षक उमेश पाटिल ने जांच शुरू की और शिकायत में तथ्य पाए जाने के बाद कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

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महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार का नया मामला आया सामने, नगर निगम के उपायुक्त गिरफ्तार
मुंबई:

महाराष्ट्र के सांगली में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है.सांगली के आमराई क्षेत्र में 24 मंजिला इमारत के निर्माण के लिए लाइसेंस देने के एवज में नगर निगम के उपायुक्त वैभव साबले को 7 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग यमक एसीबी ने गिरफ्तार किया है, और अब सामने आ रही अहम जानकारियों से नगर निगम क्षेत्र में हड़कंप मच गया है . अब उनके खिलाफ एक और गंभीर आरोप लगा है कि पूजा खेडकर की तरह ही महाराष्ट्र के सांगली के उपायुक्त वैभव साबले ने कथित तौर पर फर्जी कर्णबधीर यानी बहरेपन के प्रमाणपत्र का उपयोग किया था. आरोप है की उन्होंने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की परीक्षा में कर्णबधीर (बहरापन) का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर परीक्षा पास की थी.

सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभार ने ये गंभीर आरोप लगाया है और कहा है कि वैभव साबले ने जिस दिन जन्म लिया था, उसी दिन कर्णबधीर का प्रमाणपत्र भी प्राप्त कर लिया था. विजय कुंभार ने ये भी कहा है कि सिस्टम भ्रष्ट है और ऐसे लोगों को बचाती है जो फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी पाते हैं.

विजय कुंभार ने आगे कहा है कि जो लोग फर्जी तरीके से नौकरी पाते हैं, वे ईमानदारी से काम नहीं कर सकते और केवल अपनी कुर्सी का दुरुपयोग कर जनता को परेशान करते हैं और रिश्वत लेते हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि सिस्टम अंदर से सड़ गई है और अब वो बहरी, गूंगी और अंधी हो गई है. उन्होंने सिस्टम की अक्षमता पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से सिस्टम और भी भ्रष्ट हो रहा है.

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वैभव साबले की गिरफ्तारी क्यों हुई?

सांगली में, शिकायतकर्ता तानाजी रुईकर की कंपनी आमराई रोड पर 24 मंजिला इमारत बनाने जा रही है. जिसके लिए नगर निगम में निर्माण लाइसेंस के लिए प्रस्ताव दिया गया था. जानकारी के अनुसार चार महीने से शिकायतकर्ता को लाइसेंस के लिए टालमटोल किया जा रहा था. आरोप है की इसी दौरान एक जगह पर बुलाकर, उपायुक्त साबले ने शिकायतकर्ता से लाइसेंस के लिए 10 लाख रुपये की मांग की. जानकारी के अनुसार, फरवरी 2025 को 7 लाख रुपये में समझौता हुआ था. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से की है.

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भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के तत्कालीन उप अधीक्षक उमेश पाटिल ने जांच शुरू की और शिकायत में तथ्य पाए जाने के बाद कार्रवाई के आदेश दिए. उप अधीक्षक पाटिल का तबादला होने के बाद अनिल कटके ने पदभार संभाला और साबले पर कार्रवाई शुरू की. सोमवार शाम को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की टीम ने छापा मारा और साबले को गिरफ्तार कर लिया. मंगलवार को अदालत में पेश किया गया. इसी बीच एसीबी ने सांगली में दो स्थानों और शिराला में एक स्थान पर छापेमारी की है. अब नए गंभीर आरोप जांच की दिशा भी बदलते दिखेंगे.

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