महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections 2024) को लेकर राजनीतिक दलों का प्रचार रफ्तार पकड़ चुका है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) और राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने भी इस चुनाव के लिए कमर कस ली है. कई मायनों में उनके लिए यह चुनाव बेहद खास होने जा रहा है. यही कारण है कि राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) पहली बार माहिम वेस्ट सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. अमित ठाकरे ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में एनडीटीवी पर चुनाव लड़ने से लेकर उत्तर भारतीयों के मुद्दे और आदित्य ठाकरे से लेकर हिंदुत्व जैसे विषयों पर मुखरता से अपनी बात रखी है.
अमित ठाकरे ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि मुझे किसी ने चुनाव लड़ने के लिए नहीं कहा था. मैंने खुद पार्टी मीटिंग में कहा था कि अगर पार्टी को जरूरत है तो मैं चुनाव लड़ने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि मैंने सीट नहीं चुनी है, मैने कहा था कि जहां से भी चाहे चुनाव लड़ने को तैयार हूं.
उन्होंने कहा, "एमएनएस और राज साहब की मेहनत देखकर मुझे लगा कि मेरी भी पार्टी के प्रति कोई जिम्मेदारी है, मैं भी मेहनत करूं इसलिए मैंने कहा था कि पार्टी को जहां भी मेरी जरूरत है, मैं तैयार हूं."
रिमोट कंट्रोल से पार्टी नहीं चला पाता : अमित ठाकरे
उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि मैं अपने पिता जैसी हैसियत नहीं रखता. मैं रिमोट कंट्रोल से पार्टी नहीं चला पाता. इसलिए मैंने सिस्टम में जाकर काम करने की तैयारी दिखाई. अगर साहब (राज ठाकरे) नहीं कहते तो पार्टी का राज्य में प्रचार करने को तैयार था." उन्होंने बताया कि लिस्ट आने के बाद पता चला कि मुझे माहिम से चुनाव लड़ना है.
उन्होंने कहा, "मैं प्रेशर नहीं लेता हूं. सामने कोई हो या ना हो, मैं डोर टू डोर जाने ही वाला था. अकेला लड़ता तब भी लोगों के पास जाता. जब लोग कतार में खड़े होकर मतदान करते हैं तो मुझे लगता है कि लोगों को पता चलना चाहिए वो आदमी कौन है? उसका विजन क्या है? तो कोई सामने हो या ना हो मुझे फर्क नही पड़ता." उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि मेरी एक सीट के लिए हम दस सीट पर समझौता नहीं करेंगे.
राज ठाकरे के साथ रिश्ते पर बोले अमित ठाकरे
अपने पिता राज ठाकरे के साथ रिश्ते को लेकर अमित ठाकरे ने कहा कि हमारा पिता - पुत्र का रिश्ता बहुत अलग है. आपको जो साहब (राज ठाकरे) दिखते हैं, वो घर पर नहीं हैं. वो बाहर इसलिए ऐसे रहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है जो बाहर परिस्थिति है, उसे मैं दूर नहीं कर पा रहा हूं. इसलिए उन्हें गुस्सा आता है.
उन्होंने कहा कि पिछले दस साल हमारे लोगों के लिए बहुत भयानक गए. मुझे लगता है कि अब वो वक्त आ गया है, इसलिए सब तैयार हैं.
उत्तर भारतीयों के मुद्दे पर भी बेबाक बयान
एमएनएस को अन्य राज्यों के लोगों के खिलाफ माना जाता रहा है. इसे लेकर अमित ठाकरे ने कहा कि माहिम और दादर में रहने वाले उत्तर प्रदेश के लोग मुझसे आकर बात कर रहे हैं, टूटी-फूटी मराठी में बात कर रहे हैं और कह रहे हैं अबकी बार आप ही. उन्हें साहब (राज ठाकरे) का पॉइंट ऑफ व्यू समझ में आ रहा है कि जिस राज्य में आप जा रहे हो, उस राज्य के लोगों को उनसे तकलीफ नहीं होनी चाहिए. आप उनकी भाषा को समझो, उसकी रेस्पेक्ट करो और चैन से जिओ.
उन्होंने कहा कि आप यहां आकर मराठी लोगों की नौकरी उनकी जानकारी के बिना ले रहे हैं तो संघर्ष तो होगा. साथ ही कहा कि बहुत बार प्यार से बातचीत की, लेकिन लातों के भूत बातों से नही मानते हैं.
वहीं लाउडस्पीकर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर मुसलमान भाइयों को भी नहीं चाहिए. खुद कुछ मुसलमान भाइयों ने यह कहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह धर्म द्वेष नहीं है. उन्होंने राज ठाकरे को लेकर कहा कि वह जाति और धर्म नहीं, सिर्फ आदमी पर विश्वास करते हैं.
आदमी बदलेगा तो हमारी भूमिका बदलेगी : अमित ठाकरे
राज ठाकरे के बार-बार अपनी भूमिका बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा, "एक आदमी ने अच्छा काम किया तो आप उसे अच्छा कहेंगे, लेकिन वही आदमी आगे जाकर बुरा काम करता है तो क्या आप कहेंगे कि अच्छा है? आप का काम है सच्चाई लोगों तक लाना. हमारी पार्टी स्वतंत्र है. आदमी बदलेगा तो हमारी भूमिका बदलेगी.
अगर कल मेरी कोई गलती हुई तो मीडिया का काम है मुझे समझाना कि मेरी कहीं कोई गलती हुई है, लेकिन परसों अगर मैंने अच्छा काम किया तो आपका फर्ज है, लोगों को यह बताना कि अच्छा काम किया तो इसे भूमिका बदलना नही कहते हैं. हम मुद्दों पर समर्थन करते हैं.
'पिता के साथ जो हुआ, उससे मन दुखा है'
वहीं आदित्य ठाकरे से रिश्ते पर अमित ठाकरे ने कहा कि हमारी उतनी बातचीत नहीं होती है, मैं उन पर ज्यादा ध्यान नहीं देता हूं. मेरे पिता के साथ जो हुआ, उससे मेरा मन दुखा है, मेरे पिता मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ हैं. बाकी के लिए मुझे फर्क नहीं पड़ता है. मैंने जो सुना है, देखा है तो उन्हें कोई तकलीफ दे तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा. मेरे लिए वो दरवाजे बंद हैं.
अमित ठाकरे ने कहा कि मैं जो सच है वो बोलता हूं. मुझे डर नहीं लगता है. मेरा विजन स्पष्ट है और मुझे हार-जीत का डर नहीं है. माहिम को लेकर अपना विजन बताते हुए उन्होंने कहा कि गंदे समुद्र किनारों के साथ कई समस्याएं हैं. मेरी तकलीफ है कि अभी मैं उस पोजीशन पर नहीं हूं कि उसे दूर कर सकूं, लेकिन अभी आने वाला हूं. मेरे पिता का एक सपना है कि एक बार सत्ता देकर तो देखो.
उन्होंने कहा कि हमारी एक स्वतंत्र पार्टी है. महायुति के साथ जाने पर मुझे नहीं लगता कि जो आजादी हमें है, वो हमें मिलती.
उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में लॉयल्टी को महत्व देता हूं. बहुत से लोग जिन्होंने डाउनफॉल में भी साथ दिया है, उन्हें मौका मिलना जरूरी था, जो मिला है.
'सबक सिखाने का मौका, उसे इस्तेमाल करे जनता'
दलबदल और पार्टियों में टूट को लेकर उन्होंने कहा कि लोगों से अपील है कि जिन्होंने आपके वोट को महत्व नहीं दिया है, 2019 के बाद जो भयानक राजनीति शुरू हुई है, मुझे लगता है कि उन्हें सबक सिखाने का एक मौका मिला है. जनता उसे इस्तेमाल करे.
साथ ही कहा कि मैं अपना सौ फीसदी दे रहा हूं. अपना काम कर रहा हूं.
हिंदुत्व की राह पकड़ने पर अमित ठाकरे ने कहा कि हम पहले भी हिन्दू थे. झंडा बदलने के बाद लोगों को लगा लेकिन हम तो पहले से हिंदुत्व की राह पर हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि बंटोगे तो कटोगे नारे के बारे में नहीं सुना है क्योंकि मेरा फोकस माहिम पर है.