CG Liquor Policy Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सोमवार को आर्थिक आपराध शाखा (EOW)/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने स्पेशल कोर्ट, रायपुर में चैतन्य बघेल के खिलाफ 8वां चालान पेश किया, जिसमें उन पर शराब घोटाले का सिंडिकेट खड़ा करने का आरोप है. साथ ही यह भी बताया कि वो वसूली के लिए अधिकारियों को निर्देश देते थे.
चालान में दावा किया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने आबकारी विभाग में वसूली के लिए सिंडिकेट खड़ा किया. इससे वह प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर उन्हें उनके हिसाब से काम करने के लिए निर्देश देते थे.
घोटाले की रकम ऊपर तक पहुंचती
अनवर ढेबर के टीम द्वारा वसूली गई घोटाले की रकम अपने भरोसेमंद लोगों के जरिए ऊपर तक के लोगों को पहुंचाने का चैतन्य बघेल काम करते थे. उन्होंने रकम का बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट पर भी लगाया. साथ ही अपने परिवार के जान-पहचान वालों से घोटाले के पैसों का निवेश कराया.
चैतन्य को मिले 200-250 करोड़
जांच में साक्ष्य मिले कि चैतन्य बघेल को घोटाले की रकम के 200 से 250 करोड़ रुपये मिले हैं. चैतन्य के सिंडिकेट को राजनीतिक, प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त था, इसी वजह से लंबे समय तक घोटाला चलता रहा. अभी तक घोटाला 3074 करोड़ रुपये का सामने आया है, लेकिन जांच और अन्य सबूत बता रहे हैं कि यह घोटाला 3500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है.
जांच एजेंसी ने चालान में शराब घोटाला मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के बारे में जानकारी दी और आरोपियों को लेकर डिजिटल सबूत भी पेश किए. साथ ही जांच एजेंसी ने बताया कि कई आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है.
18 जुलाई को हुई थी चैतन्य की गिरफ्तारी
चैतन्य बघेल फिलहाल रायपुर जेल में बंद हैं. उन्हें 18 जुलाई 2025 को ईडी (Enforcement Directorate) ने शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके अलावा इसी मामले में 16 दिसंबर को पूछताछ के बाद सौम्या चौरसिया को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्हें 19 को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
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