मंत्रिमंडल विस्तार में दिग्गजों को नजरअंदाज करने पर कांग्रेस का तंज 'अब नइ साहिबो, बदल के रहिबो'

 Vishnudev Sai Cabinet Expension Latest Update: छत्तीसगढ़ की साय सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार दिग्गजों को दरिकनार करने पर कांग्रेस पार्टी ने एक पोस्ट में भाजपा के दिग्गज विधायकों राजेश मूणत, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और अमर अग्रवाल को “रूठे हुए फूफा” बताते हुए व्यंग्य किया. वहीं, दूसरी पोस्ट में बृजमोहन अग्रवाल, विक्रम उसेंडी और अजय अग्रवाल समेत 9 विधायकों की फोटो डालकर स्लोगन लिखा – “अब नइ साहिबो, बदल के रहिबो.”

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 Vishnudev Sai Cabinet Expension News: लंबी माथापच्ची के बाद आखिरकार बुधवार को छत्तीसगढ़ की साय सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के तहत तीन विधायकों राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. हालांकि, इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सियासत गरमा गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्ट कर लिखा कि आज मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, बहुत दिन से लोग इसकी प्रतीक्षा कर रहे थे. जो चर्चाएं पिछले 6 महीनों से चल रही थी, वो सब सही साबित हुई. सारे वरिष्ठ और अनुभवी नेता एक सिरे से खारिज कर दिए गए. आज जो तीन नए मंत्री बने हैं, उनमें से दो तो हमारे कांग्रेस से गए हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सोशल साइट एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्ट कर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों पर तंज कसा, “अब नइ साहिबो, बदल के रहिबो.”

9 विधायकों की फोटो शेयर कर कसा तंज

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने एक पोस्ट में भाजपा के दिग्गज विधायकों राजेश मूणत, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और अमर अग्रवाल को “रूठे हुए फूफा” बताते हुए व्यंग्य किया. वहीं, दूसरी पोस्ट में बृजमोहन अग्रवाल, विक्रम उसेंडी और अजय अग्रवाल समेत 9 विधायकों की फोटो डालकर स्लोगन लिखा – “अब नइ साहिबो, बदल के रहिबो.”

कौन हैं ये भाजपा के दिग्गज, जिस पर कांग्रेस का बरस रहा है प्यार

बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर दक्षिण से विधायक और राज्य की राजनीति में सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक है. साय कैबिनेट में मंत्री बने, लेकिन बाद में उन्हें रायपुर से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया और वे सांसद चुने गए. बृजमोहन को लेकर ये चर्चा है कि उन्हें छत्तीसगढ़ से दूर किया गया है. इसलिए कांग्रेस ने उनपर भी तंज कसा है.  

विक्रम उसेंडी

छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं. बस्तर और आदिवासी अंचल में उनकी पकड़ मानी जाती है. कांग्रेस ने उनकी अनदेखी पर तंज कसते हुए उन्हें पोस्ट में शामिल किया है.

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अजय चंद्राकर

रमन सरकार में मंत्री रहे. ओबीसी के बड़े नेता में माने जाते रहे हैं. उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है. कांग्रेस ने उन्हें भी ‘रूठे हुए' नेताओं की कतार में शामिल किया है.

अमर अग्रवाल 

बिलासपुर से पूर्व विधायक और भाजपा शासनकाल में सबसे ताकतवर नेताओं में गिने जाते थे. लंबे समय तक स्वास्थ्य और नगरीय निकाय मंत्री रहे. कांग्रेस ने उनकी मौजूदा हाशिए की स्थिति पर व्यंग्य किया.

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रेणुका सिंह

केंद्रीय मंत्री और सरगुजा की आदिवासी नेता हैं. कभी उनका नाम मुख्यमंत्री की रेस में चर्चा में था, लेकिन विष्णु देव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके  मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की अटकलें थीं. लिहाजा, अब कांग्रेस ने संकेत दिया कि प्रदेश राजनीति में उनकी भूमिका सीमित कर दी गई है.

धरमलाल कौशिक

भाजपा के वरिष्ठ नेता है. विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हैं. संगठन में मजबूत पकड़ रखने के बावजूद मंत्री पद से दूरी पर कांग्रेस ने उन्हें भी अपने निशाने पर लिया है.

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धर्मजीत सिंह

स्वतंत्र चेहरा और तेज तर्रार वक्ता के रूप में पहचाने जाते हैं. विधानसभा में अपनी दमदार आवाज के लिए जाने जाते हैं. कांग्रेस ने उनके भविष्य को लेकर भी व्यंग्य किया है.

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