MP से अमित शाह ने कहा- रासायनिक खाद बीमारियों की जड़; रीवा कृषक सम्मेलन में CM मोहन के साथ देखी गौशाला

Amit Shah in Rewa Krishak Sammelan: रीवा में अमित शाह ने कहा कि "मध्यप्रदेश का रीवा क्षेत्र आज विकास की नई पहचान बन चुका है.अधोसंरचनात्मक दृष्टि से यह क्षेत्र तीव्र गति से आगे बढ़ा है. इसी क्रम में बसामन मामा गौ-वंश वन्य विहार, क्षेत्रीय कृषकों और पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो न केवल उनकी आजीविका को सुदृढ़ करेगा, बल्कि उन्हें विकास और समृद्धि के नए अवसर भी प्रदान करेगा."

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Amit Shah in Rewa: MP से केंद्रीय मंत्री ने कहा- रासायनिक खाद बीमारियों की जड़; रीवा में कृषक सम्मेलन, CM मोहन के साथ गौशाला देखी

Amit Shah in Rewa Krishak Sammelan: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan) ने आज रीवा स्थित बसामन मामा गौ-वंश वन्य विहार में आयोजित 'कृषक सम्मेलन' में सहभागिता की प्राकृतिक खेती में नवाचार व विशिष्ट योगदान देने वाले प्रगतिशील किसानों को संकल्प-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया. रीवा में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा रीवा क्षेत्र धीरे-धीरे विकसित क्षेत्र बन रहा है. रीवा से जबलपुर तक सड़कों का जाल बिछ रहा है. अब रीवा एयरपोर्ट से इंदौर और दिल्ली के लिए 24 घंटे हवाई सेवा उपलब्ध है.

प्राकृतिक खेती पर गृहमंत्री ने ये कहा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सहकारिता विभाग द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 400 से अधिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही हैं, जो प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने का कार्य करेंगी. इससे किसानों के खेतों में बेहतर प्राकृतिक उपज सुनिश्चित होगी और उनकी आय में भी वृद्धि होगी.

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रासायनिक उर्वरकों को अनेक प्रकार की बीमारियों की जड़ करार दिया और कहा कि प्राकृतिक खेती से ना सिर्फ किसानों की आय बढ़ती है बल्कि पानी की बचत भी होती है और लोगों को अनेक बीमारियों से मुक्ति भी मिलती है.

शाह ने कहा, ‘‘आज अनेक प्रकार की बीमारियों की जड़ रासायनिक उर्वरक हैं. प्राकृतिक खेती एक ऐसा प्रयोग है, जो किसान की आय को कम नहीं होने देता है और साथ ही उसकी उपज को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण बनाता है.'' उन्होंने कहा, ‘‘इससे आय बढ़ती है, पानी की बचत होती है और लोगों को अनेक बीमारियों से मुक्ति मिलती है.'' केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में लगभग 40 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं और उन्होंने स्वयं अपने खेत में यह प्रयोग किया है. उन्होंने कहा कि इससे उत्पादन घटा नहीं, बल्कि बढ़ा है.

बसामन मामा को विंध्य क्षेत्र में लोक देवता की तरह पूजा जाता है

शाह ने यहां आयोजित ‘कृषक सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती एक ऐसा पारंपरिक प्रयोग है, जिसे समय के साथ लोग भूलते चले गए जबकि एक ही देसी गाय से 21 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती की जा सकती है. उन्होंने कहा कि किसान की मेहनत से जो अनाज उत्पन्न होता है, वह पूरी दुनिया का पेट भरता है.

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शाह ने कहा कि दुनिया में प्राकृतिक खेती का बहुत बड़ा बाजार है और वैश्विक बाजार में देश के किसानों की उपज बेहतर तरीके से पहुंच सके, इसके लिए भूमि परीक्षण से लेकर प्रमाणीकरण, उपज की प्रयोगशाला में जांच और पैकेजिंग तक की पूरी व्यवस्था विकसित की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से दो बड़ी सहकारी संस्थाओं की स्थापना की है, जो प्राकृतिक खेती की उपज का प्रमाणीकरण, विश्वस्तरीय आधुनिक लैब में उसका परीक्षण, पैकेजिंग, मार्केटिंग और निर्यात का कार्य कर रही हैं.

शाह ने कहा, ‘‘आने वाले समय में देशभर में 400 से अधिक प्रयोगशालाएं किसानों को प्रमाण पत्र प्रदान करेंगी, जिससे किसानों की आय लगभग डेढ़ गुना तक बढ़ेगी.'' शाह ने इससे पहले, बसामन मामा गोवंश परियोजना का अवलोकन किया और इसे एक बहुत ही अच्छा प्रयोग करार दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘यह अनेक किसानों और गोपालकों को आगे बढ़ने की दिशा में मार्गदर्शन कर सकता है. यहां गौशाला भी है और गाय के गोबर से निर्मित प्राकृतिक खेती की पूरी श्रृंखला भी विकसित की गई है. एक एकड़ भूमि में सवा लाख रुपये तक की आय देने वाला यह प्रयोग निश्चित रूप से छोटे किसानों के लिए एक बड़ा आशीर्वाद सिद्ध होगा.''

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सीएम ने क्या कहा?

कृषक सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा केंद्र और राज्य सरकार, किसान कल्याण के लिए  निरंतर कार्य कर रही है. केंद्रीय गृहमंत्री शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाई जा रही है, साथ ही प्रदेश के किसानों की आय दूध उत्पादन से बढ़ाने के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड से MoU किया गया है.  

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आज जब यहाँ गौशाला का भ्रमण कर रहे हैं और गृह मंत्री ने कहा कि वे स्वयं 35 साल पहले जैविक खेती का अपना प्रयोग करके सफलता पूर्वक, कांफिडेंस के साथ इस बड़े प्रोजेक्ट के साथ जैसा हमारा सबका भाव है, आज उनका यह रूप देखकर आनंद आ गया. हमारे सरकार के गठन के बाद हमारे गृहमंत्री और प्रधानमंत्री लगातार अच्छे कामों को प्रोत्साहन दे रहे हैं. निराश्रित गायों का प्रबंधन करने के लिए हमने नगरीय निकायों में, नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत में प्रत्येक गौशाला को 20 रूपए प्रति गौमाता की बजाय 40 रूपए प्रति गौ माता देने का निर्णय किया है.

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