Yellow Patches on Eyes: शरीर पर नजर आने वाले संकेत हमारी अंदरूदी सेहत के बारे में बहुत कुछ बताते हैं. यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स किसी भी साइन को नजरअंदाज नहीं करने की सलाह देते हैं. एक ऐसा ही साइन है आंखों पर पीले रंग के निशान नजर आना. इन्हें जैंथेलास्मा (Xanthelasma) कहा जाता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं आंखों पर पीले रंग के पैच क्यों बन जाते हैं और इनसे छुटकारा कैसे पाया जा सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इसे लेकर फेमस आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में वे बताती हैं, अगर आपको अचानक अपनी आईलिड पर पीले पैच दिखने लगे हैं, तो ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) जमा होने का संकेत है. आयुर्वेद में इसे 'मेदो-दुष्टि' कहा जाता है. जब फैट का मेटाबॉलिज्म गड़बड़ा जाता है और कफ दोष बढ़ जाता है, तो ये संकेत नजर आने लगता है.
ऐसा होने पर क्या करें?आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं, ये पीले पैच सिर्फ स्किन प्रॉब्लम नहीं हैं बल्कि शरीर की तरफ से एक चेतावनी है कि अब आपको अपने कोलेस्ट्रॉल और हार्ट हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए. अच्छी बात यह है कि सही खानपान और कुछ घरेलू उपायों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
- इसके लिए न्यूट्रिशनिस्ट लहसुन का सेवन करने की सलाह देती हैं.
- रोजाना खाली पेट 1 कच्ची लहसुन की कली खाएं.
- यह कोलेस्ट्रॉल कम करता है और खून को साफ करता है.
- रातभर 1 चम्मच मेथी भिगोकर रखें और सुबह चबाकर खा लें.
- यह ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है.
- इससे अलग जौ का पानी, कुल्थी (Horse gram) का सूप या हरी मूंग की दाल का सेवन करें.
- ये हल्के और फैट कट करने वाले फूड्स हैं.
- श्वेता शाह बताती हैं, डाइट में इन तीन चीजों को शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल को नेचुरल तरीके से कम करने में मदद मिल सकती है, साथ ही इससे आपकी ओवरऑल हेल्थ भी दुरुस्त रहेगी. हालांकि, ध्यान रखें ये पैच रातों-रात गायब नहीं होंगे, लेकिन सही डाइट और लाइफस्टाइल से इन्हें फैलने से रोका जा सकता है.
- इससे अलग ज्यादा तली-भुनी और चिकनाई वाली चीजों से परहेज करें.
- नियमित व्यायाम करें और वजन कंट्रोल में रखें.
- इन सब से अलग अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल टेस्ट जरूर कराएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.