नयी दिल्ली:
शादी के दौरान होने वाली रस्में टीवी पर देखने में जितनी अच्छी लगती है उससे कही ज्यादा मजा इन रस्मों को असल में निभाने में आता हैं, दूल्हें के जूते छुपाने से लेकर कलीरे कवारी लड़कियों पर गिराने तक की रस्में बेहद मजेदार होती हैं, जिनकी यादें सालों साल हमारे ज़हन में बनी रहती है। आइए बात करते है ऐसी ही कुछ छोटी-छोटी रस्मों के बारे में:-
रिबन काटना
जब बारात वैन्यू तक पहुचती है तो दूल्हे को वेन्यू के अंदर आने के लिए रिबन काटना होता है, रिबन काटने के लिए दूल्हन की बहन दूल्हे को चाकू देती हैं, लेकिन ये चाकू दूल्हे को तब मिलता है जब वह दूल्हन की बहन को पैसे देता है।
रिबन काटने के बाद दूल्हा दूल्हन की बहन को अंगुठी देता है, जिसे कलीचरी कहा जाता है। कुछ लोग जुते छुपाई की रस्म में भी पैसे देने की बजाए कलीचरी देते हैं।
कलीरें
दूल्हन के हाथों में कलीरे पहनाना भी एक रस्म हैं, छोटे-छोटे नारियल की तरह दिखने वाले मैटल के बहुत सारे टुकडे एक-दूसरे से जोड़कर इन्हें तैयार किया जाता है। ये कलीरे मैटल के बने होते है। ये कलीरे दूल्हन अपने दोनों हाथों में पहनती है। इन कलीरों की लम्बाई कम से कम 1 फुट होती है। लेकिन इनकी लम्बाई 3-4 फुट तक हो सकती है। ये कलीरे काफी भारी होते है लेकिन शादी के अगले दिन सुबह तक दूल्हन को ये कलीरे पहनना ज़रूरी होता है।
पढ़ें: मानसून वेडिंग: बारिश दोगुना करेगा शादी का मज़ा, ऐसे करें शानदार तैयारी
कलीरों की एक रस्म यह भी है कि दूल्हन अपनी कवारी बहनों के ऊपर दोनों हाथों को झाडती है। जिन पर ये कलीरे गिरते है ऐसा माना जाता है कि दूल्हन के बाद उसी बहन की शादी होती है।
मिल्क गेम
मिल्क गेम के दौरान एक रिंग को दूध के अंदर डाला जाता है, दूल्हा और दूल्हन को इस दूध में से वह अंगुठी ढूंढनी होती हैं। दोनों में से जो भी इस रिंग को पहले ढूंढता है उसके बारे में ऐसा कहा जाता कि घर में उसी की सता चलती है।
रिबन काटना
जब बारात वैन्यू तक पहुचती है तो दूल्हे को वेन्यू के अंदर आने के लिए रिबन काटना होता है, रिबन काटने के लिए दूल्हन की बहन दूल्हे को चाकू देती हैं, लेकिन ये चाकू दूल्हे को तब मिलता है जब वह दूल्हन की बहन को पैसे देता है।
रिबन काटने के बाद दूल्हा दूल्हन की बहन को अंगुठी देता है, जिसे कलीचरी कहा जाता है। कुछ लोग जुते छुपाई की रस्म में भी पैसे देने की बजाए कलीचरी देते हैं।
दूल्हन के हाथों में कलीरे पहनाना भी एक रस्म हैं, छोटे-छोटे नारियल की तरह दिखने वाले मैटल के बहुत सारे टुकडे एक-दूसरे से जोड़कर इन्हें तैयार किया जाता है। ये कलीरे मैटल के बने होते है। ये कलीरे दूल्हन अपने दोनों हाथों में पहनती है। इन कलीरों की लम्बाई कम से कम 1 फुट होती है। लेकिन इनकी लम्बाई 3-4 फुट तक हो सकती है। ये कलीरे काफी भारी होते है लेकिन शादी के अगले दिन सुबह तक दूल्हन को ये कलीरे पहनना ज़रूरी होता है।
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कलीरों की एक रस्म यह भी है कि दूल्हन अपनी कवारी बहनों के ऊपर दोनों हाथों को झाडती है। जिन पर ये कलीरे गिरते है ऐसा माना जाता है कि दूल्हन के बाद उसी बहन की शादी होती है।
मिल्क गेम
मिल्क गेम के दौरान एक रिंग को दूध के अंदर डाला जाता है, दूल्हा और दूल्हन को इस दूध में से वह अंगुठी ढूंढनी होती हैं। दोनों में से जो भी इस रिंग को पहले ढूंढता है उसके बारे में ऐसा कहा जाता कि घर में उसी की सता चलती है।
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