Parenting Tips: ऐसे बहुत से कारण हैं जो किसी बच्चे को नेगेटिव या कहें नकारात्मक बना सकते हैं. बच्चे का खुशी वाली बातों पर भी टेंशन लेने लगना, हर बात की बुरी साइड पर ही फोकस करना, किसी दुविधा से लड़ने की बजाय पहले ही हार मान लेना और किसी भी काम को करने से पहले ही खुद को असमर्थ समझ लेना नकारात्मकता (Negativity) का चिन्ह है. बच्चे में यह नकारात्मक विचार या आदतें और व्यवहार (Behaviour) बहुत से कारणों के चलते हो सकता है. ऐसे में यहां दिए टिप्स आपको अपने बच्चे की इस नकारात्मकता को दूर करने में मदद करेंगे.
बढ़ती उम्र में कमर दर्द ने छीन लिया है सुख-चैन, तो इन घरेलू उपायों से दूर कर लीजिए यह Back Pain
बच्चों की नकारात्मकता ऐसे होगी खत्म
बच्चे को फर्क करना सिखाएं
माता-पिता (Parents) के तौर पर यह आपका फर्ज है कि आप बच्चे को सकारात्मक (Positive) और नकारात्मक चीजों में फर्क करना सिखाएं. बच्चे को यह समझाना भी जरूरी है कि हर मुश्किल घड़ी से निकलने का कोई ना कोई रास्ता जरूर होता है और पहले ही हार मान लेने से कठिनाई हल नहीं होती. कोशिश करना जरूरी है और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
कई बार खुद माता-पिता ही इतने नकारात्मक व्यवहार का परिचय देने लगते हैं कि बच्चों को यही व्यवहार सामान्य लगने लगता है. आप अपना व्यवहार सकारात्मक रखें, खुद मुश्किलों से ना भागें और हर चीज में बुरा ही ना देखें. यकीनन आपके बच्चे को भी नकारात्मकता से परे देखना आने लगेगा.
कई बार बच्चे किसी बात से डरकर, घबराकर या फिर निराश होकर नकारात्मक बातें करने लगते हैं या फिर नकारात्मक लगने लगते हैं. आपको अपने बच्चे (Child) से बात करने की जरूरत है. उसकी तकलीफ जानें और उसे तब समझाने की कोशिश करें. बिना सुने-समझे आप बच्चे की परेशानी दूर नहीं कर पाएंगे.
बच्चे अगर हमेशा ही बुरी चीजों पर ध्यान लगाते हैं या नकारात्मक ही व्यवहार रखते हैं, हर चीज में उन्हें कमी ही नजर आती हो तो आपको बच्चे में सद्भाव की भावना डालने की जरूरत है. उसके पास जो कुछ है उसके लिए उसके मन में धन्यवाद की भावना होनी चाहिए तभी वह हर समय उन चीजों के लिए नहीं रोता रहेगा जो उसके पास नहीं है बल्कि उन चीजों के लिए खुश होगा जो उसके पास है.