
Parenting Advice: छोटे बच्चे मोम से होते हैं, लगता है थोड़ा भी गर्म रवैया अपनाया तो पिघल जाएंगे, पीड़ा महसूस करेंगे. बच्चों के साथ अक्सर ही नर्मी से बात करने की सलाह दी जाती है. लेकिन, कई बार माता-पिता बच्चों को प्रोत्साहित तो करना चाहते हैं लेकिन सख्ती अपनाते हैं जिससे बच्चे आगे बढ़ने की कोशिश से ज्यादा इस बात से डरने लगते हैं कि कहीं पीछे ना रह जाएं. बच्चों का मन उन्मुक्त रहना चाहिए, माता-पिता (Parents) से सराहना और प्रोत्साहन पाकर उनकी हौसला अफजाई होती है और उन्हें अच्छा परफॉर्म करने का, मेहनत करने का और अपना बेस्ट कर दिखाने का मन होता है. यहां जानिए किस तरह माता-पिता बच्चों को मोटिवेट (Motivate) कर सकते हैं.
बच्चों को माता-पिता कैसे करें मोटिवेट | How Parents Can Motivate Children
कोशिश की करें सराहनाएक आम सी बात है कि कोई ना कोई किसी ना किसी से बेहतर होता ही है. हमेशा बच्चे से यह आकांक्षा रखना कि वो जीवन की हर रेस में सबसे आगे ही रहे, गलत भी है. बच्चे को उसकी कोशिश के लिए सराहें, उसे प्रोत्साहित करें कि जीवन में कोशिश सबसे बड़ी होती है और जीत और हार तो लगे ही रहते हैं.
मेहनत के फल का मतलब वो साइकिल नहीं है जो आप उसे जीतने के बाद आप देने वाले हैं, ना ही इसका अभिप्राय उन चॉक्लेट्स से है जो उन्हें फर्स्ट आने पर ही दिलाई जाएंगी. मेहनत का फल है वो जिंदगी जो उसे मेहनत के दम पर मिलेगी. यह बच्चे को समझाना माता-पिता का काम नहीं बल्कि फर्ज भी है.
बच्चा अगर गलतियां (Mistakes) करता है तो उसे डांटने-डंपटने से आप उसे झेंपना सिखा रहे हैं. बच्चे को गलतियां करने दें. जब वो गलतियां करेगा तो इन गलतियों से आगे बढ़ना और गलतियां सुधारना भी सीखेगा. उसे गलतियों से डराएं नहीं, उसे खुद में सुधार करने का मौका दें.
कई बार माता-पिता बच्चे को जीवन में आगे बढ़ने के लिए तो मोटिवेट करते हैं लेकिन इस मोटिवेशन में वो बच्चे को दूसरों को पीछे ढकेलने की सीख देने लगते हैं. छोटे से बच्चे को नकारात्मकता का पाठ ना पढ़ाएं, उसमें सकारात्मकता (Positivity) भरने की कोशिश करें. उसे आगे बढ़ना सिखाएं, दूसरों को देखकर जलना, कुढ़ना और उन्हें हराना बच्चे का मकसद नहीं होना चाहिए.