माना जाता है कि स्तन कैंसर सिर्फ महिलाओं को होता है, क्योंकि पुरुषों के पास महिलाओं की तरह स्तन नहीं होते, लेकिन उनके पास स्तन ऊतक जरूर होते हैं. इसलिए उन्हें भी स्तन कैंसर हो सकता है. हालांकि पुरुषों में स्तन कैंसर एक दुर्लभ रोग है और यह सभी तरह के स्तन कैंसरों का एक प्रतिशत है. महिलाओं की तुलना में इसका निदान भी काफी कम है. ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि इस बारे में पुरुषों को कुछ अजीब होने का संदेह कम ही रहता है. मर्द भी इसे लेकर कम सतर्कता दिखाते हैं, जो उन्हें स्तन कैंसर की आशंका से परे कर देता है और वे नियमित कराई जाने वाली जांच को दरकिनार कर देते हैं.
पुरुषों में स्तन कैंसर से जुड़े खतरे:
आनुवांशिकी महिलाओं के स्तन कैंसर में बड़ी भूमिका नहीं निभाती, लेकिन मर्दो में निभाती है. दरअसल, आनुवांशिकी विचलन जैसे क्लेनफेल्टर सिंड्रोम मर्दो में एस्ट्रोजेन के स्तर को बढ़ाता है. यह चीजें स्तन कैंसर के खतरे को और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं.
1. ऑर्काइटिस, अंडकोश में सूजन स्तन कैंसर के खतरे बढ़ा सकता है.
2. खाने-पीने की खराब आदतों से अधिक मोटापा.
3. एल्कोहल का ज्यादा सेवन करना या धूम्रपान करना.
4. हार्मोनल दवाइयों या हर्बल पूरक आहार के सेवन की लत.
5. छाती का पहले रेडिएशन टेस्ट या इलाज हो चुका हो.
6. जो लोग (खासतौर पर नौजवान) हॉडकिंग्स रोग जैसे हालात में इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी से गुजरते हैं, उन्हें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि उनमें स्तन कैंसर के होने की आशंका और भी ज्यादा होती है.
पुरुषों में स्तन कैंसर के लक्षण
1. स्तन में गांठ सबसे महत्वपूर्ण संकेत है.
2. स्तन क्षेत्र या निपल के चारों ओर की त्वचा पर गड्ढ़े पड़ना या उसका बदलना.
3. निपल में दर्द और डिस्चार्ज होना, निपल के चारों तरफ जख्म होना, लिंफ नोड्स का अंडरआर्म और एरोला क्षेत्र तक बढ़ना.
4. अपवादस्वरूप मामलों में, जैसे कि मर्दो में स्तन-वृद्धि को 'गाइनेकोमास्टिया' कहते हैं, इससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है.
प्रिवेंटिव हेल्थकेयर विशेषज्ञ कंचन नायकवाड़ी का कहना है, ज्यादातर मामलों में, पुरुषों में स्तन कैंसर का रोग-निदान महिलाओं की तुलना में विकसित स्तर पर होता है. मोटापा और उच्च रक्तचाप स्तन कैंसर के बड़े खतरे हैं. जीवनशैली में बदलाव लाकर कोई भी इस खतरे को कम कर सकता है. शुरू में पता चल जाना और तेजी से इसका इलाज कराना ही पुरुष स्तन कैंसर के मामलों को घटाने की सबसे बढ़िया रणनीति है.
रोकथाम के उपाय
स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए ऐसी कई चीजें हैं, जिसे पुरुष कर सकते हैं
अपने को जानें, पारिवारिक इतिहास का पता लगाएं: पता लगाएं कि आपके परिवार में कभी किसी को स्तन कैंसर हुआ है या नहीं. बीमारी के सभी मामलों में कम से कम 10 प्रतिशत योगदान आनुवांशिकी स्तन कैंसर का है.
शरीर का एक आदर्श वजन रखें: मोटापा और ज्यादा वजन होना अपने आपमें एक रोग है. इसके अलावा, ये स्तन कैंसर, हृदय रोग और कई सारे बीमारियों को बढ़ावा देता है. स्वस्थ रहने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि अपने बॉडी मास इंडेक्स को कम करें.
नियमित कसरत: शारीरिक गतिविधियां आपको एक स्वस्थ वजन प्रदान करने में मदद करती हैं, जिससे स्तन कैंसर की रोकथाम में मदद मिलेगी.
स्वस्थ और संतुलित आहार: उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार, जैसे सफेद आटा, सफेद चावल, आलू, चीनी, वगैरह को कम करें, क्योंकि ये खाद्य शरीर में हार्मोन संबंधी बदलाव लाते हैं, जो स्तन उत्तक में कोशिका वृद्धि का कारण बनते हैं. इसकी बजाय, मोटा अनाज, ज्यादा फाइबर और लिग्निन सामग्री वाले खाद्य लें.
धूम्रपान और अल्कोहल के सेवन से परहेज करें: शराब का सेवन और धूम्रपान करने से स्तन कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है. व्यक्ति को इनसे परहेज रखना चाहिए. कैसा भी अल्कोहल हो, अक्सर इनका सेवन ज्यादा होता है, जो मुसीबत की जड़ है.
नियमित चेकअप और कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट: हमेशा नियमित चेकअप की सलाह दी जाती है. यह मुनासिब होगा कि आप जानें कि आपके शरीर के साथ क्या हो रहा है और कैसे आप इसकी देखभाल कर सकते हैं. अगर स्क्रीनिंग टेस्ट में स्तन कैंसर की बात आती है, तो इसकी पुष्टि के लिए कई सारी जांचें हैं और इलाज की व्यवस्था भी है.
पुरुषों में स्तन कैंसर से जुड़े खतरे:
आनुवांशिकी महिलाओं के स्तन कैंसर में बड़ी भूमिका नहीं निभाती, लेकिन मर्दो में निभाती है. दरअसल, आनुवांशिकी विचलन जैसे क्लेनफेल्टर सिंड्रोम मर्दो में एस्ट्रोजेन के स्तर को बढ़ाता है. यह चीजें स्तन कैंसर के खतरे को और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं.
1. ऑर्काइटिस, अंडकोश में सूजन स्तन कैंसर के खतरे बढ़ा सकता है.
2. खाने-पीने की खराब आदतों से अधिक मोटापा.
3. एल्कोहल का ज्यादा सेवन करना या धूम्रपान करना.
4. हार्मोनल दवाइयों या हर्बल पूरक आहार के सेवन की लत.
5. छाती का पहले रेडिएशन टेस्ट या इलाज हो चुका हो.
6. जो लोग (खासतौर पर नौजवान) हॉडकिंग्स रोग जैसे हालात में इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी से गुजरते हैं, उन्हें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि उनमें स्तन कैंसर के होने की आशंका और भी ज्यादा होती है.
पुरुषों में स्तन कैंसर के लक्षण
1. स्तन में गांठ सबसे महत्वपूर्ण संकेत है.
2. स्तन क्षेत्र या निपल के चारों ओर की त्वचा पर गड्ढ़े पड़ना या उसका बदलना.
3. निपल में दर्द और डिस्चार्ज होना, निपल के चारों तरफ जख्म होना, लिंफ नोड्स का अंडरआर्म और एरोला क्षेत्र तक बढ़ना.
4. अपवादस्वरूप मामलों में, जैसे कि मर्दो में स्तन-वृद्धि को 'गाइनेकोमास्टिया' कहते हैं, इससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है.
प्रिवेंटिव हेल्थकेयर विशेषज्ञ कंचन नायकवाड़ी का कहना है, ज्यादातर मामलों में, पुरुषों में स्तन कैंसर का रोग-निदान महिलाओं की तुलना में विकसित स्तर पर होता है. मोटापा और उच्च रक्तचाप स्तन कैंसर के बड़े खतरे हैं. जीवनशैली में बदलाव लाकर कोई भी इस खतरे को कम कर सकता है. शुरू में पता चल जाना और तेजी से इसका इलाज कराना ही पुरुष स्तन कैंसर के मामलों को घटाने की सबसे बढ़िया रणनीति है.
रोकथाम के उपाय
स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए ऐसी कई चीजें हैं, जिसे पुरुष कर सकते हैं
अपने को जानें, पारिवारिक इतिहास का पता लगाएं: पता लगाएं कि आपके परिवार में कभी किसी को स्तन कैंसर हुआ है या नहीं. बीमारी के सभी मामलों में कम से कम 10 प्रतिशत योगदान आनुवांशिकी स्तन कैंसर का है.
शरीर का एक आदर्श वजन रखें: मोटापा और ज्यादा वजन होना अपने आपमें एक रोग है. इसके अलावा, ये स्तन कैंसर, हृदय रोग और कई सारे बीमारियों को बढ़ावा देता है. स्वस्थ रहने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि अपने बॉडी मास इंडेक्स को कम करें.
नियमित कसरत: शारीरिक गतिविधियां आपको एक स्वस्थ वजन प्रदान करने में मदद करती हैं, जिससे स्तन कैंसर की रोकथाम में मदद मिलेगी.
स्वस्थ और संतुलित आहार: उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार, जैसे सफेद आटा, सफेद चावल, आलू, चीनी, वगैरह को कम करें, क्योंकि ये खाद्य शरीर में हार्मोन संबंधी बदलाव लाते हैं, जो स्तन उत्तक में कोशिका वृद्धि का कारण बनते हैं. इसकी बजाय, मोटा अनाज, ज्यादा फाइबर और लिग्निन सामग्री वाले खाद्य लें.
धूम्रपान और अल्कोहल के सेवन से परहेज करें: शराब का सेवन और धूम्रपान करने से स्तन कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है. व्यक्ति को इनसे परहेज रखना चाहिए. कैसा भी अल्कोहल हो, अक्सर इनका सेवन ज्यादा होता है, जो मुसीबत की जड़ है.
नियमित चेकअप और कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट: हमेशा नियमित चेकअप की सलाह दी जाती है. यह मुनासिब होगा कि आप जानें कि आपके शरीर के साथ क्या हो रहा है और कैसे आप इसकी देखभाल कर सकते हैं. अगर स्क्रीनिंग टेस्ट में स्तन कैंसर की बात आती है, तो इसकी पुष्टि के लिए कई सारी जांचें हैं और इलाज की व्यवस्था भी है.
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