Lal Bahadur Shastri Jayanti 2020: देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की जयंती 2 अक्टूबर (2 October) को मनाई जाती है. यानि महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्म एक ही दिन हुआ था और 2 अक्टूबर को दोनों की जयंती मनाई जाती है. दोनों ने ही पूरा जीवन इस देश के लिए समर्पित कर दिया. लाल बहादुर शास्त्री ने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित कर दिया था. शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में दो अक्टूबर, 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था. देश की आजादी में लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का खास योगदान है. साल 1920 में शास्त्री (Shastri) भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे. स्वाधीनता संग्राम के जिन आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन उल्लेखनीय हैं. शास्त्री ने ही देश को 'जय जवान, जय किसान' का नारा दिया था. आइये जानते हैं लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ी 10 ऐसी बातें, जो सभी को जाननी चाहिए....
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लाल बहादुर शास्त्री(Lal Bahadur Shastri) से जुड़ी 10 बड़ी बातें...
1. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था. जब शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था.
2. लाल बहादुर शास्त्री को चाचा के साथ रहने के लिए भेज दिया गया था ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें. घर पर सब उन्हें नन्हे कहकर पुकारते थे. वे कई मील की दूरी नंगे पांव ही तय कर विद्यालय जाते थे, यहां तक की भीषण गर्मी में जब सड़कें अत्यधिक गर्म हुआ करती थी तब भी उन्हें ऐसे ही जाना पड़ता था.
3. लाल बहादुर शास्त्री जब केवल 11 वर्ष के थे तब से ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कुछ करने का मन बना लिया था. 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और गांधी जी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए.
4. लाल बहादुर काशी विद्या पीठ में शामिल हुए. विद्या पीठ की ओर से उन्हें दी गई प्रदत्त स्नातक की डिग्री का नाम ‘शास्त्री' था, और यही नाम आगे उनके नाम के साथ जुड़ गया और उनका पूरा नाम लाल बहादुर शास्त्री हो गया.
5. महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने के चलते वह कुल सात वर्षों तक ब्रिटिश जेलों में रहे थे.
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6. आजादी के बाद वे 1951 में नई दिल्ली आ गए एवं केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों का प्रभार संभाला. वह रेल मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री एवं नेहरू जी की बीमारी के दौरान बिना विभाग के मंत्री रहे.
7. 1964 में जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने. उनके शासनकाल में 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ. उस समय देश में भयंकर सूखा पड़ा और खाने की चीजों को निर्यात किया जाने लगा. संकट को टालने के लिए उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की. साथ ही कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए उन्होंने 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया.
8. अपने गुरु महात्मा गांधी के ही लहजे में एक बार उन्होंने कहा था – “मेहनत प्रार्थना करने के समान है.” महात्मा गांधी के समान विचार रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठ पहचान हैं.
9. लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था, ''जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंतत: जनता ही मुखिया होती है.''
10. उन्होंने 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में अंतिम सांस ली थी. 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद (Tashkent) में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के महज 12 घंटे बाद (11 जनवरी) लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु हो गई. कुछ लोग उनकी मृत्यु को आज भी एक रहस्य के रूप में देखते हैं.
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