कोरोनावायरस की पहचान के लिए एयरपोर्ट पर लगाए गए हैं थर्मल स्कैनर, जानें ये कैसे करते हैं काम

डॉ. हर्षवर्धन ने थर्मल स्कैनिंग के बारे में बात करते हुए कहा, "इस प्रक्रिया में विदेशों से आ रहे लोगों को हवाईअड्डे पर एक स्कैनर से होकर गुजरना होता है."

कोरोनावायरस की पहचान के लिए एयरपोर्ट पर लगाए गए हैं थर्मल स्कैनर, जानें ये कैसे करते हैं काम

थर्मल स्कैनर एक स्वस्थ व्यक्ति और विषाणु से ग्रस्त व्यक्तिय में स्पष्ट अंतर बताता है.

खास बातें

  • थर्मल स्कैनर से आसानी से हो जाती है वायरस की पहचान
  • स्कैनर और स्वस्थ और विषाणु से ग्रस्त व्यक्तिय में स्पष्ट अंतर बताता है
  • इससे निकलने वाली तरंगों से नहीं होता इंसान को कोई नुकसान
नई दिल्ली:

चीन (China) के कोरोनावायरस (Coronavirus) की पहचान और रोकथाम में थर्मल स्कैनर (Thermal Scanner) काफी उपयोगी साबित हुआ है. यह एक ऐसा उपकरण है, जिसके माध्यम से कोरोनावायरस या फिर ऐसे ही किसी अन्य रोग से ग्रस्त व्यक्ति की पहचान की जा सकती है. प्रसिद्ध वैज्ञानिक एन. कोलिन बताते हैं, "यह स्कैनर एक स्वस्थ व्यक्ति और विषाणु से ग्रस्त व्यक्तिय में स्पष्ट अंतर बताता है. थर्मल स्कैनर की सबसे खास बात यह है कि इससे निकलने वाली तरंगों का कोई दुष्प्रभाव मानव शरीर पर नहीं पड़ता है. हालांकि, इसका उपयोग प्रशिक्षण प्राप्त विशेषज्ञ की देखरेख में ही संभव है."

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थर्मल स्कैनिंग विशेषज्ञ सतीश कुमार ने कहा, "सामान्य रूप से थर्मल स्कैनिंग को लेकर लोगों के मन में एक अनजाना सा डर रहता है. सामान्य लोग थर्मल स्कैनिंग को सीटी-स्कैन जैसी ही किसी मशीन से जोड़कर देखते हैं. हालांकि, थर्मल स्कैनिंग मानव शरीर की जांच के सबसे आसान उपायों में से एक है और इसके लिए किसी भी व्यक्ति को किसी भारी भरकम मशीन से होकर नहीं गुजरना पड़ता है."

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी थर्मल स्क्रीनिंग के प्रति लोगों की आशंकाएं दूर करने व जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया है. डॉ. हर्षवर्धन ने थर्मल स्कैनिंग के बारे में बात करते हुए कहा, "इस प्रक्रिया में विदेशों से आ रहे लोगों को हवाईअड्डे पर एक स्कैनर से होकर गुजरना होता है. इस दौरान यदि थर्मल स्कैनर से गुजरने वाले किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान सामान्यत व्यक्ति के तापमान से अधिक पाया जाता है, तो ऐसे संदिग्ध की मेडिकल जांच की जाती है."

उन्होंने कहा कि शरीर का तापमान अधिक होने पर थर्मल स्कैनर तुरंत इसकी जानकारी दे देता है. थर्मल स्कैनर एक इंफ्रारेड कैमरे की तरह काम करता है. इस स्कैनर के जरिए गुजरने वाले व्यक्ति के शरीर में मौजूद विषाणु इंफ्रारेड तस्वीरों में दिखाई पड़ते हैं, विषाणुओं की संख्या अधिक या खतरनाक स्तर पर होने पर व्यक्ति के शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, कोच्चि, जयपुर, अहमदाबाद समेत देशभर के 20 हवाईअड्डों पर इस प्रकार के आधुनिक थर्मल कैमरा स्कैनर लगाए हैं. देशभर के विभिन्न हवाई अड्डों पर लगाए गए थर्मल स्कैनर्स के जरिए अभी तक करीब 38,000 लोगों की सफलतापूर्वक जांच की जा चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कुछ अन्य स्थानों पर भी अब थर्मल स्कैनिंग के जरिए कोरोनावायरस के संदिग्धों की जांच की जाएगी. इसके लिए जल्द ही नए थर्मल स्कैनर विदेशों से आयात किए जाएंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)