
International Yoga Day 2025: योग एक प्राचीन भारतीय पद्धति है जिसे ऋषियों ने हजारों साल पहले विकसित किया था. लेकिन ये सिर्फ एक्सरसाइज नहीं है. इसमें मूवमेंट, सांसों पर कंट्रोल और ध्यान (Meditation Karne Ke Fayde) तीनों का कॉम्बिनेशन होता है. इसी वजह से योग न सिर्फ फिजिकल हेल्थ बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी अच्छा इंपेक्ट डालता है. हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे (International Yag Day Kyo Manate Hain) मनाया जाता है ताकि हम सबको ये याद रहे कि आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में भी योग कितना जरूरी है. योग न सिर्फ बॉडी को स्ट्रॉन्ग और फ्लेक्सिबल बनाता है, बल्कि स्ट्रेस कम करता है और अच्छी नींद में भी मदद करता है. चलिए आपको बताते हैं नियमित रूप से योग करेंगे तो कितने फायदे मिल सकते हैं.

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योग से होने वाले फिजिकल हेल्थ बेनिफिट्स (Yoga Impact On Physical Health )
योगा हर एज ग्रुप के लिए सेफ है और इसकी मूवमेंट्स स्लो और कंट्रोल्ड होती हैं. इसलिए ये उन लोगों के लिए भी बढ़िया है जो हार्ड वर्कआउट नहीं कर सकते.
योग के कुछ खास फिजिकल फायदे:
• फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाता है
• पोश्चर सुधरता है
• मसल्स और जॉइंट्स स्ट्रॉन्ग होते हैं
• बैलेंस और कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है
• हार्ट हेल्थ को सपोर्ट करता है
• सांस लेने की क्षमता बढ़ाता है (प्राणायाम)
• पीठ, गर्दन और कंधों के दर्द में राहत मिलती है
अगर कोई इंजरी या सर्जरी के बाद रिकवर कर रहा है, तो भी योग मददगार साबित हो सकता है क्योंकि इसे पर्सन की जरूरत के हिसाब से मॉडिफाई किया जा सकता है.
योग और मेंटल हेल्थ (Yoga Impact On Mental Health)
हर दिन थोड़ा सा भी योग करना माइंड को शांत करने और इमोशनली बैलेंस रहने में बहुत हेल्प करता है.
योग के मेंटल हेल्थ बेनिफिट्स:
• स्ट्रेस कम करता है
• मूड को बेहतर बनाता है
• नींद की क्वालिटी सुधरती है
• फोकस और ध्यान बढ़ता है
• इमोशनल स्टेबिलिटी आती है
डिप्रेशन, एंग्जायटी या PTSD जैसी कंडीशन्स में भी योग सपोर्टिव टूल की तरह काम करता है – लेकिन ध्यान रखें, ये मेडिकल ट्रीटमेंट का रिप्लेसमेंट नहीं है.
रिकवरी और रिहैबिलिटेशन में योग का रोल
अभी के टाइम में हॉस्पिटल्स और फिजियोथेरेपी सेंटर्स में भी योगा को रिकवरी प्लान में शामिल किया जा रहा है.
यहां योग कैसे मदद करता है:
• ऑर्थोपेडिक सर्जरी के बाद मसल्स स्ट्रेंथ वापिस लाने में
• स्ट्रोक के बाद मूवमेंट और बैलेंस सुधराने में
• लंबे समय तक बेड रेस्ट के बाद बॉडी को एक्टिव करने में
• क्रॉनिक पेन (जैसे पीठ या आर्थराइटिस) में
• कैंसर रिकवरी के दौरान थकान और स्ट्रेस कम करने में
• डिलीवरी के बाद बॉडी रिकवर करने में
योग के मूवमेंट्स को किसी भी कंडीशन के हिसाब से मॉडिफाई किया जा सकता है – जैसे चेयर योग, या सिर्फ ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज.
बिगनर्स के लिए आसान योगा पोज
अगर आप अभी शुरुआत कर रहे हैं तो ये आसान पोज आपकी बॉडी को स्ट्रेच और रिलैक्स करने में मदद करेंगे:
• ताड़ासन (Mountain Pose): सिंपल स्टैंडिंग पोज़ जो पोश्चर ठीक करता है
• बालासन (Child's Pose): बैक, हिप्स और थाईज़ को स्ट्रेच करता है
• भुजंगासन (Cobra Pose): बैक को स्ट्रॉन्ग और चेस्ट को ओपन करता है
• बिटिलासन-मर्जरीआसन (Cat–Cow): स्पाइन को फ्लेक्सिबल बनाता है
• सुखासन + डीप ब्रीदिंग: बैठकर ध्यान लगाने या सांस कंट्रोल के लिए
• सेतुबंधासन (Bridge Pose): लोअर बैक और लेग्स को मजबूत करता है
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