लोग कई बार घर और बाहर खाने की खूब बरबादी करते हैं. हालांकि, यह कई मायनों में गलत है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसान काफी मेहनत के बाद फसल उगाता है और फिर खाना बनाने में भी उतनी ही मेहनत लगती है. ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें दो वक्त का खाना भी नहीं मिल पाता, लेकिन कुछ लोग पसंद न आने पर सीधे खाना फेंक देते हैं.
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डेक्कन क्रोनिकल के मुताबिक, कूर्ग के इबनी स्पा रिजॉर्ट ने खाना बरबाद करने वाले लोगों को रोकने के लिए एक ऐसी तरकीब निकाली है, जो उन्हें जिंदगीभर का सबक सिखा देती है. रिजॉर्ट की सीएसआर एडवाइजर श्रेया कृष्णन के मुताबिक, ''हम मेहमानों के खाना खाने के बाद थाली में बचे खाने का वजन देखते हैं. रिजॉर्ट में रुकने वाले सभी लोगों के खाने का ट्रैक रिकॉर्ड रखा जाता है और चैकआउट से पहले उनसे 10 ग्राम खाना बरबाद करने के 100 रुपये के हिसाब से पैसे देने के लिए कहा जाता है''.
इससे जो भी पैसे इकट्ठे होते हैं वो मदिकेरी गर्ल्स होम को दिए जाते हैं. यह एक अनाथ आश्रम है, जहां 60 बच्चे रहते हैं. पहले, रिजॉर्ट में रोजाना कचरे के 14 बड़े डिब्बे इकट्ठे हो जाते थे लेकिन खाने की बरबादी रोकने के लिए लागू किए गए प्रोग्राम के 6 महीने बाद रोज केवल एक ही डब्बा कचराा इकट्ठा होने लगा. लोग इस पहल के लिए रिजॉर्ट के मैनेजमेंट की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि दूसरी जगहों पर भी इस तरह के नियम बनाए जाएंगे.
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